सैक्स रैकेट का भांडा फुटने के बाद ‘स्वर्गलोक’ की मालिकन फरार हैं, पुलिस उनके पीछे लगी है लेकिन अभी उसे मालिकन मिनाक्षी श्रीवास्तव को गिरफ्तार करने का आदेश मिलना बाकी है.
विनायक विजेता
बीते 25 दिसम्बर को बिहार के गया में स्वर्गलोक नामक ब्यूटीपार्लर पर छाप पड़ा था जहां से कई लड़कियों को बरामद किया गया था. इसके कुछ ही दिनों बाद स्वर्गलोक की मालिकन मिनाक्षी श्रीवास्तव के पति व गया के उपमहापौर मोहन श्रीवास्तव पटना के एक होटल से हसीनों के साथ रंगरेलियां मनाते गिरफ्तार हुए थे.
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इधर बीते 6 जनवरी की रात पटना के दो होटलों से दो नाबालिग लड़कियों के साथ गिरफ्तार गया के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव का मोबाइल कई राज खोलने वाला है.
एक तरफ मोबाइल क्लिपिंग्स कई राजनेताओं के चेहरे बेनकाब करने के लिए काफी हैं तो दूसरी तरफ कुछ नौकरशाह से भी मोहन श्रीवास्तव के रिश्ते उजागर होने को हैं.
अगर पुलिस पर इस मामले को दबाने का दबाव नहीं पड़ा तो कई राजनेताओं के साथ प्रतिष्ठित पद पर काम कर रहे कुछ सरकारी अधिकारियों के चेहरे भी बेनकाब होंगे.
अंचल अधिकारी से संबंध
मोहन के आंतरिक संबंध वर्तमान में जहानाबाद के मखदुमपुर अंचल में पदस्थापित अंचलाधिकारी संजय कुमार अम्बष्ठ से भी है। पर वह संबंध कैसे हैं इसका खुलासा अभी नहीं हो सका है। पुलिस द्वारा जब्त मोहन के मोबाइल में मोहन और सीओं के बीच लगातार होती रही बातों के कई क्लिपिंग्स हैं।
उक्त सीओ अपने 9431256630 नंबर के जिस मोबाइल से मोहन से बातें किया करते थे गुरुवार को सुबह उस नंबर पर डायल करने पर सीओ ने स्वीकार किया कि गया में एक ही मोहल्ले और आसपास घर होने व एक ही समाज का होने के कारण उनका मोहन श्रीवास्तव से मधुर संबध रहा है।
सीओं ने बताया कि वह पहले गया में ही सीआई के पद पर पदस्थापित थे जिस कारण डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव से अक्सर उनका वास्ता पड़ता था। अंचलाधिकारी संजय अम्बष्ठ ने मोहन के किसी अनैतिक कार्य में अपनी सहभागिता या संलिप्तता से इनकार किया।
गौरतलब है कि उपमहापौर को उनके छह अन्य साथियों के साथ रंगरेलियां मनाते हुए गिरफ्तार किया गया था। पकड़ी गई दोनों नाबालिग लड़कियों को जबरन मोतिहारी से पटना लाया गया था। विश्वस्त सुत्रों के अनुसार मोहन श्रीवास्तव की जब्त की गई मोबाइल की जांच में पुलिस को लगातार चौकाने वाले तथ्य मिल रहे हैं। गौरतलब है कि पटना में पकड़े जाने के पूर्व गया की कोतवाली पुलिस ने बीते 25 दिसम्बर को मोहन श्रीवास्तव की पत्नी मीनाक्षी श्रीवास्तव के मकान में संचालित ‘स्वर्गलोक’ नामक पार्लर में छापेमारी कर वहां चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन लड़कियों को मुक्त कराया था।
यह पार्लर मोहन और मीनाक्षी के भतीजे अमित के नाम था। अमित द्वारा लिखित रुप से यह स्वीकार किया गया है कि वह अपनी चाची मिनाक्षी से 50 हजार रुपये कर्ज लेकर वह इस पार्लर का संचालन कर रहा था। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने जब मीनाक्षी की गिरफ्तारी के लिए वारंट निर्गत करने के लिए अदालत में आवेदन दिया तो उस समय से ही मीनाक्षी भूमिगत हो गई।
मीनाक्षी कौन है उसका मायका कहां है इसे उसके पति मोहन श्रीवास्तव के नजदीकी लोग भी नहीं जानते। रंगरेलियां मनाने के आरोप में गिरफ्तार कर फिलवक्त बेऊर जेल में रखे गए डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव के बारे में और भी कई चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।