राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली में बदलाव की प्रक्रिया में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। श्री मुखर्जी ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर उच्च शिक्षा में बदलाव लाने वाले रूझानों को पहचानने तथा इसके अनुरूप युवाओं में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने की जरूरत है।
केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को राष्ट्रपति ने किया संबोधित
श्री मुखर्जी ने कहा कि उच्च शिक्षा महंगी होने, शिक्षा ग्रहण करने वालों की बदलती प्रोफाइल और नई प्रौद्योगिकी के परिणामस्वरूप शिक्षा प्रदान करने के वैकल्पिक तरीके सामने आ रहे हैं। श्री मुखर्जी ने कहा कि उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों को दुनिया भर के श्रेष्ठ छात्रों के सामने आपनी श्रेष्ठता सिद्ध करनी होगी इसलिए उनमें प्रतिस्पर्धा तथा अपने मूल्यों के प्रति गौरव की भावना पैदा करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को उच्च शिक्षा प्रणाली में बदलाव की प्रक्रिया में अपनी जिम्मेदारी का आगे बढकर निर्वहन करना चाहिए। राष्ट्रपति बनने के बाद श्री मुखर्जी तीसरी बार इस सम्मेलन में भाग ले रहे थे। सम्मेलन में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और 40 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भाग लिया।