सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय (डीएफपी), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के संयुक्त तत्वावधान में प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, शिशु और किशोर स्वास्थ्य) विषय पर आगामी माह में राज्य के 9 जिलों में आयोजित किए जाने वाले जागरूकता अभियान पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन सूचना भवन, पटना में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरूण कुमार वर्मा (सूचना आयुक्त, बिहार राज्य सूचना आयोग) ने कहा कि देश के विकास के लिए जरूरी है कि यहां की जनता का स्वास्थ्य बेहतर हो। इसके लिए न सिर्फ आवश्यक है कि लोग अपने स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से अवगत रहे बल्कि सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी उन्हें जानकारी हो।
कार्यशाला का हुआ आयोजन
कार्यशाला को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय(डीएफपी), पटना के निदेशक विजय कुमार ने बताया कि प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, शिशु और किशोर स्वास्थ्य विषय पर इस वर्ष देश के 200 जिलों में 900 जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे तथा इसके पहले चरण, जो सितंबर- अक्टूबर में आयोजित होना है, के तहत कुल 184 जिलों में 273 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस जागरूकता अभियान के तहत बिहार के 9 जिलों ( कटिहार, किशनगंज, पूर्णियां, सहरसा, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, शिवहर तथा जमुई) को शामिल किया गया गया जहां कुल 35 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में पहले चरण की शुरूआत सितंबर- अक्टूबर में प्रस्तावित है जिसके तहत चयनित इन जिलों में 9 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), पटना के निदेशक दिनेश कुमार ने कहा कि जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार में डीएफपी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने मां और शिशु के स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों और उन दोनों के भावनात्मक संबंधों पर अपनी बात विस्तारपूर्वक रखी। इस अवसर पर क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय के भागलपुर, छपरा, फारबिसगंज, दरभंगा शाखा ईकाइयों सहित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पटना स्थित विभिन्न मीडिया ईकाइयों पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), दृश्य एवं श्रव्य निदेशालय (डीएवीपी), दूरदर्शन, आकाशवाणी, संगीत एवं नाटक प्रभाग के अधिकारीगण भी मौजूद थे।