बिहार विधान परिषद में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने नयी डोमिसाइल नीति लागू करने और व्याख्याताओं की हो रही साक्षात्कार पर रोक लगाये जाने की मांग को लेकर भारी शोरगुल और नारेबाजी की जिसके कारण सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी । सभापति अवधेश नारायण सिंह के आसन ग्रहण करते ही भाजपा के रजनीश कुमार ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि बिहार में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के संशोधित दिशा निर्देश को लागू नहीं किया गया । उन्होंने कहा कि इसके लागू नहीं किये जाने के कारण प्रदेश के लगभग 30 हजार पीएचडी धारकों को बहाली में मौका नहीं मिला है।
इसी दौरान भाजपा के ही प्रोफेसर नवल किशोर यादव ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की गयी सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में बिहार के युवाओं को अवसर नहीं मिल पा रहा है और बिहार के बाहर के 80 प्रतिशत लोगों की नियुक्ति हो रही है । सभापति ने इस मामले को शून्यकाल में उठाने का आग्रह किया जिसके बाद सदस्य अपनी- अपनी सीट पर बैठ गयें । शून्यकाल के शुरु होते ही श्री कुमार और श्री यादव ने इस मामले को फिर से उठाया । इस पर सभापति ने कहा कि श्री यादव के सवाल पर सरकार की ओर से तीन अगस्त को जवाब दिया जायेगा । वहीं सभापति ने श्री कुमार के सवाल को परिषद की कार्य संचालन नियमावली के अनुकूल नहीं पाते हुए अस्वीकृत कर दिया ।