शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही नोटबंदी पर चर्चा कराने की मांग पर लोकसभा में जारी हंगामे के कारण कामकाज नहीं होने से आहत भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज क्षोभ व्यक्त किया और कहा कि सदन के हालात देखकर उनका मन करता है कि अब इस्तीफा दे दिया जाए। नोटबंदी पर जबरदस्त हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पिछले दिनों की तरह आज भी दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद भी श्री आडवाणी अपनी सीट पर बैठे रहे।
इसी बीच कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी उनकी सीट के सामने खड़ी होकर उनसे बात करने लगीं तो इस बातचीत ने गृहमंत्री राजनाथसिंह का ध्यान खींचा और वह भी श्री आडवाणी की बगल में खड़े हो गए। इसी बीच रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा भी उनके पास आकर खड़े हो गए। उन्होंने श्री सिंह से कहा कि सदन की कार्यवाही कम से कम एक दिन तो चलनी ही चाहिए।
अध्यक्ष को मेरी तरफ से कह दीजिए कि हाउस एक दिन ही सही लेकिन जरूर चलना चाहिए। केंद्रीय मंत्रियों के सदन से बाहर जाने के बाद भी श्री आडवाणी अकेले अपनी सीट पर बैठे रहे तो इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के इदरीश अली, भाजपा के नाना पोटले तथा दो अन्य सदस्य उनके पास पहुंच गए।
श्री इदरीश भाजपा नेता के बगल में बैठकर उनसे बातचीत करने लगे तो श्री आडवाणी ने कहा कि सदन में एक दिन भी काम नहीं हुआ, यह अच्छा नहीं है। इससे गलत संदेश जाएगा। कम से कम सत्र में एक दिन तो सदन चलना चाहिए। कामकाज हुए बिना सदन का अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होना ठीक नहीं है। इस तरह के हालात हाउस ऑफ कामन्स में भी कभी नहीं बने थे। श्री इदरीश अली ने उनसे कुछ सवाल किया तो श्री आडवाणी ने कहा कि सवाल किसी की हार-जीत का नहीं है। जीत सिर्फ संसदीय परंपराओं की होनी चाहिए और संसद चलती रहनी चाहिए। जो हालात दिखायी दे रहे हैं उससे लगता है कि संसद हार गयी है और ऐसे में मन करता है अब इस्तीफा दे देना चाहिए।