भाजपा के वरिष्ठ नेता और लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने आज कहा कि सरकार के ढुलमुल रवैये से बिहार में इंटर के हजारों कृषि छात्रों का भविष्य अधर में पड़ गया है। श्री यादव ने यहां कहा कि बारहवीं की परीक्षा की तिथि घोषित कर दी गयी है लेकिन अभी तक न तो कृषि विषय के लिए शिक्षकों की बहाली की गयी, न ही पुस्तक और पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया । उन्होंने कहा कि इंटर में तीन हजार से ज्यादा कृषि के विद्यार्थी हैं ।
भाजपा नेता ने कहा कि परीक्षा में महज तीन से साढ़े तीन माह का समय शेष रह गया है । अब कृषि छात्र भविष्य अधर में देख दर-दर गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि सलाहकार जैसे पदों पर नियोजन की उम्मीद जगायी थी । श्री यादव ने कहा कि 2015-17 सत्र से इंटर में कृषि संकाय की पढ़ाई को हरी झंडी दिखाने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों ने इसमें नामांकन कराया लेकिन जिस उम्मीद को लेकर छात्रों ने कृषि विषय में नामांकन कराया, वह पूरी होती नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि कृषि विषय के शिक्षक, पुस्तक और पाठ्यक्रम के अभाव में पढ़ाई प्रारंभ ही नहीं हो सकी है जबकि 22 फरवरी को कृषि विषय की परीक्षा की तारीख निर्धारित कर दी गयी है ।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश की सरकार और हर सरकारी महकमा अपनी जिम्मेदारियों से बेखबर है । उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी और लोकलुभावनी घोषणाएं कर भूल जाना मंत्री से लेकर सरकार के मुखिया के लिए आम बात हो गयी है। श्री यादव ने कहा कि कृषि रोड मैप के जमीनी कार्यान्वयन के लिए कृषि सलाहकारों के नियोजन की घोषणा भी अब हवा-हवाई साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि कृषि सलाहकार बनने की लालसा में कृषि विषय लेकर पढ़ रहे छात्र खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।