सरकार ने आज उन दिशानिर्देशों से सम्बन्धित अध्यादेश को मंजूरी दे दी जिसके तहत अब प्रचलन से बाहर किये गये 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोटों को रखना भारी पड़ेगा और इसके लिए जुर्माना भी अदा करना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस अध्यादेश को स्वीकृति दी गयी और अब इसे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास भेजा जायेगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही यह अध्यादेश प्रभावी हो जायेगा।
सूत्रों ने बताया कि यह अध्यादेश लागू होने के बाद सरकार तथा भारतीय रिजर्व बैंक की 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोटों को लेकर वैधानिक जिम्मेदारियां समाप्त हो जायेंगी और भविष्य में पुराने नोटों के मामले को लेकर कोई व्यक्ति अदालत में नहीं जा सकेगा । इस अध्यादेश में पुराने नोट पाये जाने पर सजा का कोई प्रावधान नहीं किया गया है लेकिन जुर्माने का प्रावधान है। इसके बारे में अभी विस्तृत जानकारी नहीं मिल सकी है ।
सूत्रों ने कहा कि जुर्माने के रूप में कम से कम 50 हजार रुपये या जितनी राशि पकड़ी जायेगी उसका पांच गुना जुर्माना किया जा सकता है। ऐसे मामलों की सुनवाई मजिस्ट्रेट की अदालत करेगी और जुर्माने का निर्धारण भी वही करेगी । सरकार ने भ्रष्टाचार, कालेधन , आतंकवाद और जाली नोटों की समस्या से निपटने के लिए गत आठ नवंबर की मध्य रात्रि से 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोटों का प्रचलन बंद कर दिया था। इन नोटों को 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा कराने की छूट दी गयी है और उसके बाद 31 मार्च तक इन्हें रिजर्व बैंक की चुनिंदा शाखाओं में जमा कराने की अनुमति है।