मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने घोषणा की है कि राज्य के स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले कम से कम दस छात्रों की शर्त को खत्म करते हुए अब तमाम स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को कई ताबड़तोड़ फैसले की घोषणा की. उन्होंने बताया कि अब मैट्रिक सेकंड डिविजन से पास करने वाले एससी और अल्पसंख्यक छात्रों को भी मिलेंगे दस हजार.
उन्होंने कहा कि 12 वीं परीक्षा में फर्स्ट डिविजन से पास करने वालों को अब 10 हाजर रुपये के बजाये 25 हजार रुपये इनाम दिये जायेंगे.
उर्दू अखबार हमारा समाज द्वारा आयोजित बिहार का विकास विषय पर आयोजित कांफ्रेंस में मांझी ने कहा कि उनकी सरकार ने फैसला किया है कि तालीमी मरकज के शिक्षकों को अब नौकरशाही के चंगुल से आजाद करने के मकसद से उन्हेंम मिलने वाले पैसे सीधे उनके अकाउंट में ट्रांस्फर किये जायेंगे.
इस कांफ्रेंस में जीतन राम मांझी ने घोषणा की कि मौलाना मजहरुल हक विश्वविद्यालय और बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के लिए जल्द ही भूमि उपलब्ध करा दी जायेगी. इस से पहले शिक्षा मंत्री वृश्न पटेल ने इस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री को मुखातिब करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री को इस पर जल्द फैसला लेना चाहिए.
इस अवसर पर विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने समाज को बांटने वाली शक्तियों से सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि विकास के लिए मन बहुत जरूरी है.
इस अवसर पर हमारा समाज के एडिटर खालिद अनवर ने मुख्यमंत्री , शिक्षा मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए यह जरूरी है कि विकास की रौशनी तमाम तबके के आम लोगों तक पहुचाई जाये.