हरियाणा भाजपा के नेता ओपी धनखड़ के बिहारी लड़कियों पर दिये बयान के बाद बिहार सरकार यह जांच कराने में जुट गयी है कि हरियाणा में रह रही बिहारी लड़कियों के साथ अमानवीय सुलूक तो नहीं हो रहा है.
परंपरा से भारतीय समाज में विवाह एक पवित्र बंधन माना जाता रहा है। इसकी पवित्रता पर आज भी कोई सवाल नहीं है। लेकिन विवाह के प्रस्ताव पर बवाल जरूर खड़ा हो गया है। इस प्रस्ताव ने विवाह को पार्टियां का मुद्दा बना दिया है।
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हरियाणा में भाजपा के एक नेता ओपी धनकड़ ने कहा कि हमें चुनाव के जीत दर्ज करवाओ तो हम हरियाणा के युवकों की शादी बिहार की लड़कियों से करवाएंगे। धनकड़ की मंशा क्या थी, यह तो वही जानें, लेकिन बिहार में राजनीतिक दलों को एक मुद्दा मिल गया और वह मुद्दा ही विधानमंडल की कार्यवाही का बड़ा मुद्दा बन गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मुद्दे पर उलझ पड़े और सदन की कार्यवाही भी बाधित हुई।
खैर इससे इतर यह बड़ा सवाल यह है कि क्या वास्तव में शादी के लिए लड़कियां बिहार से हरियाणा जा रही हैं। वह शादी के लिए जा रही हैं या मानव तस्करी की शिकार हो रही हैं। इसकी जांच अब राज्य सरकार करवाएगी, ताकि वस्तुस्थिति का पता चल सके।
इसकी रिपोर्ट एक माह में आने की उम्मीद है। आइजी कमजोर वर्ग अरविंद पांडेय ने राज्य के 14 जिलों के एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है कि यह पता लगाएं कि उनके जिलों की कितनी लड़कियां शादी के लिए हरियाणा गयी हैं और वहां उनकी क्या स्थिति है।
वास्तव में वह पारिवारिक जीवन व्यतीत कर रही हैं या मानव तस्करों ने उन्हें अमानवीय धंधे में लगाया है। इन जिलों में पटना, गया, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सहरसा, सीतामढ़ी, मुंगेर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंंपारण, किशनगंज, अररिया, मधुबनी और कटिहार शामिल हैं।
उन्होंने यह काम मानव व्यापार निरोध इकाई से कराने को कहा है। इसके साथ ही स्थानीय चौकीदार, दफादार, जनसंगठनों व जनप्रतिनिधियों से अपेक्षित सहयोग लेने का भी निर्देश दिया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस जांच के बाद कुछ नये तथ्य निकल कर सामने आएंगे और जो आखिकार के बिहार के हित के हित में ही होंगे।