मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेहतर प्रबंधन के जरिए किसी तरह की आपदा के प्रभाव को कम करने की जरूरत पर बल देते हुए आज कहा कि हर आपदा से निपटने के लिए तैयारी जरूरी है। श्री कुमार ने बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा किसी के वश में नहीं है लेकिन अपने प्रयास से उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है ताकि लोगों को आपदा का कष्ट कम से कम सहन करना पड़े।
उन्होंने संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति की जिलेवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े अधिकारियों से विस्तृत समीक्षा की तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, “ बाढ़ से बचाव की तैयारी के साथ-साथ संभावित सुखाड़ की स्थिति से निपटने की पूर्ण तैयारी रखनी चाहिए। सुखाड़ की स्थिति में आकस्मिक फसल योजना का लाभ लोगों तक पहुंचे, इसके लिए ध्यान देने की जरुरत है। डीजल अनुदान, नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना, बिजली की पर्याप्त आपूर्ति, चापाकल की व्यवस्था करने की जरुरत है ताकि सुखाड़ की स्थिति से निपटा जा सके और लोगों को कष्ट न हो। आकस्मिक फसल योजना के संबंध में कृषि विभाग को पूरी तैयारी कर लेने की जरुरत है ताकि लोगों को अधिक से अधिक सहुलियत हो। इस फसल योजना के अंतर्गत और जिन फसलों को शामिल करने की जरुरत है, उसका भी आकलन कर लेना चाहिए।”
श्री कुमार ने डीजल अनुदान वितरण के लिए जिलाधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश देते हुए कहा कि डीजल खरीद में सरकार बिचड़ा एवं खरीफ फसल के लिए पांच बार डीजल अनुदान देती हैं। इस बार डीजल का दाम बढ़ा हुआ है, इसलिए अनुदान की दर बढ़ाकर दी जायेगी ताकि किसानों को डीजल खरीदने में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो।