विधान सभा चुनाव के पहले बड़े पैमाने पर प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों के स्थानांतरण शुरू हो गया है। अगले एक सप्ताह में इसमें और तेजी आने की संभावना है। इस ट्रांसफर-पोस्टिंग में राजद प्रमुख लालू यादव की भी सहमति ली जा रही है। सात नंबर ( सीएम का आवास) उसे स्वीकार भी कर रहा है।
वीरेंद्र यादव
22 फरवरी को सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े पदाधिकारियों का खूब स्थानांतरण किया। लगभग 80 दिनों के शासनकाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण से जुड़ी 21 अधिसूचना जारी हुई, जिसमें स्थानांतरण, अतिरिक्त प्रभार व विरमित करने से संबंधित सूचनाएं थीं। जबकि इस अवधि में 26 बार बिहार प्रशासिनक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण से जुड़ी अधिसूचनाएं जारी की गयीं। इसी अवधि में आइपीएस अधिकारियों से जुड़ी 9 अधिसूचनाएं जारी की गयीं, जबकि दो अधिसूचनाएं बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों से जुड़ी हुई थीं।
ट्रांसफर में लालू का दखल बढ़ा
प्रशासन के वरीय अधिकारियों की मानें तो ट्रांसफर-पोस्टिंग में राजद प्रमुख लालू यादव की बातें भी मानी जा रही हैं। बड़े पदों पर नयी जिम्मेवारी सौंपने के पहले लालू यादव को भी सूचित करने की परिपाटी शुरू हो गयी है। स्थानांतरण से जुड़ी लालू यादव की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया जा रहा है। यही कारण है कि प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का दरबार 10 नंबर (लालू यादव के सरकारी आवास ) में भी लगने लगा है। माना जा रहा है कि सारण में नये प्रमंडलीय आयुक्त की नियुक्ति भी 10 नंबर की अनुशंसा पर की गयी है। प्रशासन और पुलिस पदाधिकारियों की पदस्थापन और स्थानांतरण में 10 नंबर का दखल बढ़ने के साथ ही सर्कुलर रोड की धमक भी बढ़ गयी है।