मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ‘गले की हड्डी’ बनते जा रहे हैं। पत्रकार श्री मांझी के बारे में उनसे प्रतिक्रिया जानना चाहते हैं और सीएम उससे भागते नजर आते हैं।
आज जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने श्री मांझी को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की सलाह पर प्रतिक्रिया मांगी। इस सवाल से कनी काटते हुए सीएम ने कहा कि हर सवाल का जवाब देना जरूरी नहीं है। उन्होंने पत्रकारों को सलाह दी कि बिहार पटरी पर आ रहा है। पटरी पर लाने की कोशिश पर ध्यान दीजिए। जनता दरबार की उपलब्धि और उपयोगिता की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि दरबार में आने वाले मामलों की समीक्षा करेंगे और यह जानकारी एकत्रित करायी जाएगी कि कितने आवेदनों पर कार्रवाई हुई, कितने लंबित हैं।
श्री कुमार ने कहा कि भाजपा भले ही बहुत मिलने का ढोल पीटे, लेकिन 14वें वित्त आयोग से धन के आवंटन के मामले में बिहार सबसे कम पाने वाले तीन राज्यों में शामिल है। बिहार को अगले वित्तीय वर्ष में 37.3 प्रतिशत राशि मिलेगी। तेलंगाना और तमिलनाडू ही ऐसे राज्य हैं, जिन्हें बिहार से कम सहायता मिलेगी। केंद्र सरकार को बिहार को होने वाले घाटे की भरपाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए मापदण्ड के अनुसार बिहार को जो नुकसान हुआ है, उसकी अनदेखी करने लायक नहीं है। इसका राज्य योजना और बाकी खर्चों पर असर पड़ेगा। बिहार के हित के लिए हम सभी दलों की बैठक बुलाकर वस्तुस्थिति से अवगत कराऐंगे।