हाई कोर्ट ने बिहार के निगरानी ब्यूरो को फटकार लगाते हुए कहा है कि या तो वह फर्जी शिक्षकों से मिला हुआ है या उनपर नरमी बरत रहा है. हाईकोर्ट ने उसे बेशर्म संस्था तक कह डाला है.
गौरतलब है कि अदालत ने निगरानी विभाग को फर्जी शिक्षकों की पहचान करने का हुक्म दे रखा है लेकिन अदालत ने कहा है कि वह इस काम में टाल मटोल कर रहा है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी अौर न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ रंजीत पंडित की लोकहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अदालत ने कहा कि जिस तरह से मामले की जांच चल रही है कि उससे साफ है कि निगरानी या तो फर्जी शिक्षकों के साथ नरमी बरत रही है या उनके साथ मिली हुई है। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए निगरानी के एडीजी और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को मंगलवार को तलब किया है।
खंडपीठ ने कहा कि दस हजार शिकायतों में निगरानी की जांच टीम को मात्र तीन फर्जी शिक्षक मिले। जबकि, उसकी टीम में 8 डीएसपी और 29 इंस्पेक्टर शामिल हैं। पिछली सुनवाई में भी निगरानी ने यही आंकड़ा पेश किया था। 15 दिनों बाद सोमवार को फिर सुनवाई हुई और रिपोर्ट मांगी गई तो निगरानी ने वही 3 फर्जी डिग्रियों का ब्योरा दिया। कोर्ट, निगरानी की इस कोताही पर नाराज हो गया कि इतना बड़ा अमला होने के बावजूद उसकी जांच काफी धीमी चल रही है.