माध पूर्णिया के दिन बिहार की सबसे बड़ी खबर थी- पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा छोड़े गये 5 सर्कुलर रोड में ‘मीडिया भ्रमण’। पत्रकारों ने शौचालय तक का भ्रमण किया। बेडरूम से बाथरूम तक की तस्वीर अखबारों में छपी। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव के छोड़े गये बंगले का भ्रमण और मुआयना का आग्रह करने की बात कही। मुख्यमंत्री से एक अण्णे मार्ग के साथ 5 सर्कुलर रोड में रहने का भी आग्रह करने की बात कही। मोदी ने कहा कि वे सिर्फ तेजस्वी के पूर्व बंगले के सिर्फ कार्यालय के हिस्से का इस्तेमाल करेंगे। इसमें सिर्फ 11 एसी लगे हुए हैं। आधिकारिक रूप से तेजस्वी के पूर्व आलीशान बंगले में सुशील मोदी ने गृह प्रवेश किया। प्रवेश की खबर पीछे छूट गयी और गृह की साज-सज्जा बैनर बन गयी। यह अखबारों में प्रकाशित खबर है। असली खबर हम आगे बताते हैं।
वीरेंद्र यादव
आज विधानमंडल के बजट सत्र का आखिरी दिन था। हमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी पत्रिका ‘वीरेंद्र यादव न्यूज’ की कॉपी भेंट करनी थी। इसके साथ विधानमंडल सदस्यों के बीच भी पत्रिका बांटनी थी। हम भोजनावकाश के बाद विधानमंडल गये थे। दोनों सदनों की लॉबी में पत्रिका बांट रहे थे। सदस्यों के कई सवालों का जवाब भी देना पड़ रहा था। पत्रिका में प्रकाशित जातिवार आंकड़ों को लेकर कई सवाल थे। इसी सिलसिले में हम परिषद के गलियारे में घूम रहे थे तो मालमू चला कि कार्यकारी सभापति हारुण रसीद के चैंबर में पीसी हो रही है। हम भी घुसे। उन्हें अपनी पत्रिका की कॉपी दी और फिर पूरी बातचीत पत्रिका के आसपास सिमट गयी। काफी देर तक पत्रिका पर चर्चा हुई। सभापति ने कहा कि वे खुद भी राजनीति में आने से पहले पत्रकार ही थे। चैंबर से बाहर निकलते समय पत्रकारों के साथ उन्होंने बारी-बारी से फोटो खिंचवाया। हमने फोटो खींचवाते हुए कहा कि अगला सत्र लोकसभा चुनाव के बाद होगा। पता नहीं लोकसभा चुनाव के बाद क्या होगा। संभव है कि सभापति जी सांसद बन जायें या हम ही विधायक बन जायें।
वहां से निकलकर हम विधान सभा के गलियारे में पहुंचे। विधान सभा में मुख्यमंत्री मौजूद थे। हम सत्ता पक्ष की लॉबी में कार्यवाही देख रहे थे। सदन की कार्यवाही समाप्त होने के थोड़ी देर पहले हम मुख्यमंत्री के चैंबर में गये। कई पत्रकार और विधायक बैठे हुए थे। सदन की बैठक अनिश्चित काल तक स्थगित कर स्पीकर विजय कुमार चौधरी अपने चैंबर में गये। इसके बाद मुख्यमंत्री भी स्पीकर के चैंबर की ओर बढ़े। थोड़ी देर बातचीत के बाद सीएम अपने चैंबर में आये। इसके बाद विधायक अपनी फरियाद व अपेक्षा लेकर सीएम से मिलते रहे और मुख्यमंत्री भी आश्वासन देते रहे। धीरे-धीरे विधायकों की भीड़ छंटती जा रही थी और पत्रकारों की संख्या बढ़ती जा रही थी। इसी बीच एक पत्रकार ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की भावनाओं को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री से पूछा कि आप भी जाएंगे न ‘धरती पर स्वर्ग’ देखने। सीएम ‘धरती पर स्वर्ग’ का अर्थ समझ नहीं पाये और पूछा- क्या। पत्रकारों ने उन्हें बताया कि तेजस्वी का बंगला देखने आप जाएंगे। इस पर मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़ लिया और कहा – यही काम रह गया है।
उपमुख्यमंत्री मोदी मंगलवार को तेजस्वी यादव के पूर्व बंगले का भ्रमण मुख्यमंत्री को करवाना चाहते थे और बुधवार को नीतीश ने हाथजोड़कर मोदी की हार्दिक इच्छा पर ‘कटार’ चला दी। वैसे उपमुख्यमंत्री को हताश होने की जरूरत नहीं है। जब से नीतीश कुमार अण्णे मार्ग में आये हैं तब से सीएम आवास का लगातार विस्तार हो रहा है। अब तक तीन सरकारी आवास एक अण्णे मार्ग में विलीन हो गये हैं। 5 सर्कुलर रोड यानी तेजस्वी यादव का पूर्व बंगला भी अण्णे मार्ग में विलीन हो जाये तो कोई आश्चर्य नहीं। इसके बाद फिर सुशील मोदी को नये ‘गृहप्रवेश’ की तैयारी करनी पड़ सकती है।