भाजपा ने बिहार में विपक्ष की एकजुटता को अपनी करारी हार का प्रमुख कारण बताया और कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता ।
भाजपा संसदीय दल की बैठक
भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी की सर्वोच्च संस्था संसदीय बोर्ड की बैठक में इन परिणामों का विस्तृत विश्लेषण किया गया। पहली नजर में यह पाया गया कि विपक्ष की एकजुटता पार्टी की हार का प्रमुख कारण रहा। लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल , जनता दल यू तथा कांग्रेस अलग अलग चुनाव लड़े थे लेकिन इस बार इन्होंने मिलकर चुनाव लड़ा। भाजपा का मानना था कि घटक दलों का वोट पूरी तरह महागठबंधन को ट्रांसफर नहीं होगा, लेकिन हमारा अनुमान गलत साबित हुआ और वे अपने वोटों को परस्पर ट्रांसफर करने में सफल रहे। यही कारण है कि कम सीटें लड़कर भी तीनों घटक दलों का स्ट्राइक रेट अच्छा रहा लेकिन भाजपा गठबंधन लोकसभा चुनाव की तुलना में वोट प्रतिशत का ज्यादा अंतर न होने के बावजूद हार गया।
आर्थिक सुधारों पर असर नहीं
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बयानों को हार का कारण मानने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा ,“ कोई चुनाव एक बयान के उपर तय हो, ऐसा नहीं होता , चुनाव का अपना गणित अलग होता है ।” श्री जेटली ने कहा कि बिहार में हार से आर्थिक सुधार प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पडेगा और बिहार के विकास में मदद की जायेगी। वित्त मंत्री ने कहा “मैं इसे अर्थव्यवस्था के लिए झटके के तौर पर नहीं देख रहा हूँ। ढाँचागत सुधार जारी रहेगा। सुधार प्रक्रिया तीव्रता से जारी रहनी चाहिये।”