बीते गुरुवार की शाम नेपाल के खरबपति व्यवसायी व केडिया समूह के कार्यकारी निदेशक सुरेश केडिया के अपहरण में कहीं वह गिरोह तो नहीं जुड़ा है जिसने वर्ष 2014 में व्यवसायी हनीफ हिंगोरा के पुत्र का गुजरात से अपहरण कर बिहार लाया था।
विनायक विजेता
गौरतलब है तब अपहर्ताओं ने छपरा-सीवान सीमा पर सिथत एक गांव में लगभग एक माह तक सुहैल को बंधक बनाकर रखा था और फिरौती के रुप में 9 करोड़ की भारी-भरकम राशि वसुलने के बाद सुहैल को हाजीपुर के पास मुक्त किया था।
नेपाल के व्यवसायी सुरेश केडिया का अपहरण भारत-नेपाल सीमा से 16 किलोमीटर दूर नेपाल के बारा जिले के पास से गुरुवार को कर लिया गया। अपहर्ताओं ने सुरेश केडिया के ड्राइवर श्याम साह कानू को गोली मार दी जो अबतक काठमांडू के एक अस्पताल में मौत से जूझ रहा है।
केडिया के अपहर्ता कोई नौसिखुए नहीं बल्कि पेशेवर हैं। ऐसे अपहर्ताओं के कई अंतरप्रान्तीय गिरोह बिहार में कार्यरत हैं। ऐसे गिरोहों में अजय सिंह गिरोह, चंदन सोनार गिरोह, पप्पू देव गिरोह, छोटे लाल सहनी गिरोह और गैंगवार में छोटे लाल सहनी की हत्या करने वाला राजू सिंह राठौर गिरोह और यूपी के गोरखपुर के कुछ गिरोह प्रमुख हैं।
अपहर्ता गोरिहो
इन गिरोह में पप्पू देव जो अभी जेल में है, फरार चंदन सोनार गिरोह, जेल में बंद अजय सिंह गिरोह व राजू सिंह राठौर गिरोह के तार वीरगंज और नेपाल से जुड़े हुए है। पप्पू देव को कुछ वर्ष पूर्व नेपाल में ही गिरफ्तार किया गया था जो फिलवक्त सहरसा जेल में बंद है जबकि राजू सिंह राठौर जमानत पर निकलने के बाद एक मामले में फरार है।
यह भी हो सकता है कि सुरेश केडिया के अपहरण में कई गिरोह ने सम्मिलित भूमिका निभायी हो जैसा इस अपहरण के ट्रेंड से पता चल रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि बीरगंज के रास्ते बिहार सीमा में घुसे अपहर्ताओं ने सुरेश केडिया को कहीं किसी दूसरे गिरोह को तो नहीं सौंप दिया।
इतना भी तय है कि अपहर्ता सुरेश केडिया को कहीं ज्यादा दूर नहीं ले गए होंगे उन्हें मोतिहारी, बेतिया, गोपालगंज, सीवान या फिर छपरा जिले में ही कहीं बंधक बनाकर रखा गया हो।
105 वर्ष पुराना है केडिया समूह
नेपाल में केडिया आर्गेनाइजेशन के विभिन्न उत्पादों के लगभग 40 यूनिट कार्यरत हैं जिनमें इस आर्गेनाइजेशन के फाउंडर स्व. वृजलाल केडिया जिन्होंने वर्ष 1909 में इस कंपनी की नींव रखी थी, के नाम पर वृज सिमेंट, डेयरी एंड फूड प्रोसेसिंग, फेब्रीकेशन, होम सप्लाई, आयरन एंड स्टील व टेक्सटाइल सहित कई यूनिटें हैं। सुरेश केडिया के एक भाई बिमल केडिया ‘नेपाल सद्भावना पार्टी’ से नेपाल में सांसद भी है जिसके कारण सुरेश केडिया के अपहरण के मामले को लेकर पूरे नेपाल में तूफान मचा हुआ है।
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