होटल और रेस्तरां द्वारा सर्विस चार्ज अनिवार्य रूप से वसूल किए जाने पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने आज CBDT को इस बात पर विचार करने को कहा है कि सर्विस चार्ज को Tax Assessment के दायरे में लाया जाए। इसी तरह MRP से अधिक कीमत वसूल किए जाने के मामलों पर निगरानी रखने के लिए सभी राज्यों के Legal Metrology के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। ये जानकारी आज केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने दी।
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने बताया कि होटल और रेस्तरां द्वारा अनुचित तरीके से ग्रहकों की सहमति के बिना उनसे अनिवार्य रूप से सर्विस चार्ज वसूल किए जाने पर रोक लगाने के उद्देश्य से 21 अप्रैल 2017 को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इन दिशा-निर्देशों का पालन अनेक बड़े और प्रतिष्ठित होटल और रेस्तरां द्वारा किया जाने लगा है और सर्विस चार्ज को स्वैच्छिक बना दिया गया है। लेकिन अभी भी राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के माध्यम से ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ होटल और रेस्तरां ग्राहकों से जबरदस्ती 5% से 20% तक सर्विस चार्ज वसूल कर रहे हैं। इस संबंध में मीडिया में भी कुछ रिपोर्टें प्रकाशित हुई हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इस अनुचित तरीके को बंद करने के लिए होटलों और रेस्तरां से कहा गया है कि वे ग्राहकों को दिए जाने वाले बिल में या तो सर्विस चार्ज का कॉलम खाली छोड़ दें या फिर उसमें यह उल्लेख करें कि सर्विस चार्ज स्वैच्छिक है, अर्थात अगर उपभोक्ता चाहें तो सर्विस चार्ज का भुगतान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में दिसंबर 2016 में राज्य सरकारों से यह कहा गया था कि वे अपने राज्य में होटल और रेस्तरां को निर्देशित करें कि वे उचित स्थान पर इस संदेश को प्रदर्शित करें कि सर्विस चार्ज पूरी तरह से स्वैच्छिक है और यदि उपभोक्ता उस होटल या रेस्तरां की सर्विस से संतुष्ट नहीं है तो वह सर्विस चार्ज का भुगतान न करने के लिए स्वतंत्र है।
पासवान ने बताया कि अप्रैल 2017 में दिशा-निर्देश जारी करके जबरदस्ती सर्विस चार्ज वसूल किए जाने को अनुचित व्यापार के रूप में कड़ाई से लागू किया गया है। इसके अलावा सभी राज्यों से कहा गया कि वे दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और इसका प्रचार-प्रसार करके उपभोक्ताओं को भी जागरूक करें। ये दिशा-निर्देश फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI), नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HAI) को भी भेजे गए थे।
जागो ग्राहक जागो अभियान के तहत विज्ञापन जारी किए गए हैं जिसमें उपभोक्ताओं को इस संबंध में जागरूक किया गया है कि सर्विस चार्ज अनिवार्य न होकर एक टिप है जिसका भुगतान उपभोक्ता की इच्छा पर निर्भर करता है। होटल या रेस्तरां उपभोक्ता को सर्विस चार्ज देने पर मजबूर नहीं कर सकते। इसी प्रकार विभिन्न उपभोक्ता संगठनों/VCOs को सर्विस चार्ज के मामले में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ चुनिंदा मामलों को सुधारात्मक कार्रवाई के लिए विभाग की जानकारी में लाने के लिए कहा गया है।