केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि होटल्स और रेस्तरां को यह अधिकार नहीं है कि ग्राहक से कितना सेवा प्रभार वसूला जाय। ग्राहकों से सेवा प्रभार वसूले जाने की शिकायतों पर केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि होटल्स और रेस्तरां यह तय नहीं कर सकते कि ग्राहक से कितना सेवा प्रभार वसूला जाय । ग्राहकों पर निर्भर करता है क वे सेवा प्रभार देना चाहते हैं अथवा नहीं ।
श्री पासवान ने कहा कि इस संबंध में विभाग ने प्रधानमंत्री कार्यालय से उसकी राय मांगी थी और उसका सुझाव मिलने के बाद सभी राज्यों को आवश्यक कार्रवाई के लिये दिशा निर्देश भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग को जो शिकायतें मिली थी, उसमें ग्राहकों से सेवा प्रभार जबरदस्ती देने के लिये बाध्य किया जा रहा था। यह प्रभार 15 से 20 प्रतिशत तक होता था । उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारतीय होटल्स संघ से भी स्पष्टीकरण देने को कहा गया था संघ ने अपने जवाब में कहा है कि सेवा प्रभार पूरी तरह स्वैच्छिक है और ग्राहक यदि उसे दी गयी सेवा से संतुष्ट नहीं है तो सेवा प्रभार देने की कोई बाध्यता नहीं है। श्री पासवान ने कहा कि स्थिति को स्पष्ट करने के लिये नये दिशा निर्देश दिये गये हैं।