पिछले हफ्ते दलित संगठनो का बंद था

दलित संगठनों द्वारा आयोजित बंद के ठीक एक सप्ताह बाद यानी मंगलवार का बंद आम जन जीवन पर भारी पड़ सकता है. होम मिनस्ट्री ने माना है कि भले ही किसी संगठन ने  आरक्षण विरोधी इस बंद के लिए अपनी जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन व्हाट्सऐप पर इसके बारे में बड़े पैमाने पर कम्पेन चलाया जा रहा है.

 

पिछले हफ्ते दलित संगठनो का बंद था

उधर झारखंड सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर अपने पुलिस महकमें को कहा है कि मंगलवार के बंद के दौरान सुरक्षा के सारे इंतजाम किये जायें. इस बंद में पिछले सप्ताह आयोजित बंद का उल्लेख करते हुए एक तरह से आरोप लगाया गया है कि उस बंद में हिंसा हुई थी लिहाजा इस बंद के अवसर पर सतर्कता में कोई कमी न की जाये.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि सभी राज्यों को इस अवसर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने होंगे ताकि बंद के दौरान हिंसा न होने पाये.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह के बंद के दौरान अनेक दलित नेताओ के घरों में आग लगा दी गयी थी. यह घटनाये राजस्थान के करौली जिले में हुई थी.

हालांकि मंगलवार के प्रस्तावित बंद का आह्वान किसी संगठन ने नहीं किया है लेकिन समझा जाता है कि यह बंद दलित संगठनों के बंद के प्रतिवाद में किया जा रहा है. इस बंद का उद्देश्य दलितों के आरक्षण के खिलाफ है. याद रहे कि दलित संगठनों ने बीते मंगलवार को एससी एसटी अत्याचार निवारण कानून को शिथिल करने के खिलाफ बंद का आयोजन किया था.

उधर सूचना है कि बिहार सरकार ने भी इस प्रस्तावित बंद पर चौकसी बढ़ा दी है.

 

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427