लालू के बिना होली की रौनक ही चली गई,आज भी याद आती है लालू की कुर्ता फाड़ होली

दीपक कुमार ठाकुर,बिहार ब्यूरो चीफ

पटना. लालू प्रसाद यादव दूर क्या हुए होली का रंग ही फीका पड़ गया. होली के मौके पर तो लालू यादव का वो जमाना भी याद आता है जब वे अपने कार्यकर्ताओं से लेकर विरोधियों तक सबको पकड़-पकड़ कर रंग लगाया करते थे और जब उन पर होली खूब चढ़ने लगता था तो फिर कुर्ता फाड़ होली उनका शुरू हो जाता था. लालू होली के दिन आम से खास सबके साथ होली खेलते थे जिसके चलते आज भी लोग उस पल को याद किया करते हैं. लालू के बेहद करीबी शिवानंद तिवारी को लालू का वो जमाना आज याद आता है. शिवानंद तिवारी कहते हैं कि आज जमाना बदल गया है. लालू के समय में तो होली एक उत्सव की तरह मनाई जाती थी जिसमें बड़े-छोटे और जाति-धर्म इन सबसे कही ऊपर उठकर होली का लोग आनंद लेते थे.

जब लालू के घर जुटती थी मंडली और सजता था महफ़िल…

90 के दशक में जब लालू बिहार की सत्ता में आए तो लालू का अंदाज और उनका तेवर देखने लायक होता था. लालू के जमाने में होली के मौके पर उनके आवास पर आम से खास सभी लोगों की बड़ी भीड़ जुटा करती थी. लालू यादव के करीबी रहे शिवानंद तिवारी बताते हैं कि लालू यादव वाला वो होलियाना अंदाज आज कहीं गुम हो गया है. शिवानंद तिवारी अकेले नेता नहीं हैं, जिन्हें लालू की वो होली बहुत याद आती है बल्कि लालू के पहले करीबी रहे श्याम रजक को भी लालू का वो होलियाना अंदाज अब भी बखूबी याद है. कुछ यही हाल बीजेपी नेता प्रेम कुमार का भी है जिन्हें लालू का वह होलियाना अंदाज आज भी उनके जेहन में है. प्रेम कुमार कहते हैं आज जमाना बदलता जा रहा है और लोग अपनी सभ्यता और संस्कृति से भी दूर जाने लगे हैं.

होली तो खेली जा रही है लेकिन सभी को लालू की कुर्ता फाड़ होली की याद सताती है.


होली तो आज भी मनाई जा रही है. आम से खास लोग आज भी रंग और गुलाल उड़ा रहे हैं, लेकिन होली के मौके पर लालू जैसी ना तो अब कोई महफ़िल सजती है,और ना ही वो उसाह ही दिखता है. कुर्ता फाड़ होली तो शायद लालू प्रसाद के साथ ही कहीं गुम हो गई है.

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427