शराब व्यवसायी से 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोपी सारण के पूर्व डीआईजीआलोक कुमार को निलंबित कर दिया गया है.
गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने आलोक कुमार के निलंबन की पुष्टि की. आलोक को भ्रष्ट आचरण, निजी स्वार्थ के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने, अपने पद की गरिमा के उलट और कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है.
पिछले महीने की 20 तारीख को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस महानिरीक्षक ( अनुपमा एस. निलेकर ने आलोक कुमार के खिलाफ एक शराब व्यवसायी टुन्नाजी पांडेय द्वारा की गई शिकायत के बारे में जानकारी दी थी. पांडेय ने आलोक कुमार पर 10 करोड रुपये की रंगदारी मांगने का इल्जाम लगाया था. पुलिस मुख्यालय ने कुमार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) अमित कुमार से कराई थी. इस जांच में उन्हें निलंबित करने की सिफारिश की गई थी.
आलोक कुमार 1997 बैच के जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. सारण का डीआईजी रहते हुए उन पर रंगदारी मांगने के आरोप लगे थे. वह पटना में एसएसपी भी रह चुके थे.
निलंबन की अवधि में कुमार को जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा. इस अवधि में उन्हें बिना सक्षम प्राधिकार की अनुमति के मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी.