एस.एन.सी.यू और नियमित टीकाकरण के बारे में जन जागरूकता को बढाने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार, यूनिसेफ ,इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, बिहार शाखा के द्वारा रेडियो मिर्ची के सहयोग से टीकू टॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूर्णिया में इस कार्यक्रम की शुरूआत धमदाहा प्रखंड से हुई. हाई स्कूल धमदाहा में अनुमंडल पदाधिकारी राजेश्वरी पाण्डेय ने फीता काट कर किया।
नौकरशाही डेस्क
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी राजेश्वरी पाण्डेय यूनिसेफ और आइएपी बिहार शाखा की सराहना करते हुए कहा कि टीकाकरण के बारे में आयोजित टीकू टॉक कार्यक्रम काफी प्रभावी और आवश्यक है। यह कार्यक्रम हमारे 90 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग करेगा।
एमओआईसी डॉ जे.पी पांडेय ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लड़कियों में तेजी से मृत्यु दर बढ़ रही है। ये चिंता का विषय है । प्रतिवर्ष 27 लाख बच्चे जन्म लेते है लेकिन कई बच्चों की मृत्यु जल्द हो है। उन्होंने कहा कि प्रति 1000 में से 27 बच्चों की मृत्यु जन्म के पहले ही महीने में ही हो जाती है वही प्रति 1000 जीवित जन्म लेने वाले बच्चों में 38 बच्चों की मृत्यु पहले साल में हो जाती है । 5 साल के अंदर प्रति 1000 जीवित जन्म लेने वाले में 45 बच्चे मर जाते है। हम सभी प्रयासरत है कि कैसे इस दर को कम किया जा सके । अब 15 जनवरी से स्कूलों में मिजेल्स के साथ रूबेला का टीका भी लगेगा। इसके बाद ये टीका आउट रीच एरिया में भी जाएगा। ये टीका 15 साल तक के बच्चे तक को लगेगा।
एस एन सी यू के बारे में बताते हुए यूनिसेफ के संचार प्रभाग के सलाहकार अविनाश उज्जवल ने कहा कि टीकाकरण लड़कियों के लिए भी उतना ही आवश्यक है जितना लड़को के लिए है। जन्म से 1 माह तक के बच्चों के लिए हर जिले के सदर अस्पताल में विशेष नवजात देखभाल इकाई की स्थापना की गई है। जहाँ बच्चों के लिए इलाज़, दवा, देखभाल एवं अन्य सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध है। कार्क्रम में 5 विद्यालयों के लगभग 1800 लड़कों और लड़कियों ने हिस्सा लिया।