गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 111 करोड़ आधार नंबर जारी कर एक नया कीर्तिमान कायम किया और इस तरह अब देश के 99.6 प्रतिशत व्यस्कों के पास अपनी डिजिटल पहचान हो गयी है।
इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि 125 करोड़ से अधिक की आबादी वाले इस देश में 111 करोड़ लोगों के पास अपनी डिजिटल पहचान हो गयी है। कुछ महीने पहले 100 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी करने का रिकार्ड बना था, लेकिन 26 जनवरी को यूआईडीएआई ने इस रिकार्ड को भी पीछे छोड़कर नया कीर्तिमान कायम किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर अभी देश के 91.7 प्रतिशत लोगों के पास आधार नंबर है जबकि 99 प्रतिशत से अधिक व्यस्कों के पास आधार है। देश के 22 राज्य और संघ शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से अधिक लोगों के पास आधार है।
उन्होंने कहा कि अभी 135 रजिस्ट्रार और 612 पंजीयक एजेंसियाँ आधार पंजीयन में लगी हुयी है। देश में 47,192 आधार पंजीयन केन्द्र हैं जहाँ यह काम हो रहा है। इनमें से 28,332 स्थायी केन्द्र हैं। प्रतिदिन सात से आठ लाख आवेदन मिल रहे हैं। 31 मई 2014 तक कुल 63.22 करोड़ आधार नंबर जारी किये गये थे और उस समय प्रतिदिन तीन से चार लाख लोग इसके लिए आदेवन कर रहे थे। अक्टूबर 2016 तक यह संख्या पाँच से छह लाख दैनिक थी, लेकिन नोटबंदी के बाद इसमें तेजी आयी है और अभी सात से आठ लाख आवेदन रोजाना प्राप्त हो रहे हैं। जून 2014 से अब तक 47.8 करोड़ आधार नंबर जारी किये गये हैं।