प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक नया भारत बनाने के दृष्टिकोण के मद्देनजर सरकार ने देश के 115 अति पिछड़े जिलों की पहचान की है और हर जिले के लिए अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के प्रभारी अधिकारी मनोनित किये गये हैं।
कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा की अध्यक्षता में नई दिल्ली में इन प्रभारी अधिकारियों की पहली बैठक हुयी, जिसमें महत्वपूर्ण केन्द्रीय सचिव भी मौजूद थे। इस अवसर पर श्री सिन्हा ने कहा कि मनोनीत अधिकारियों को इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए और इस मिशन को सफल बनाना चाहिए। करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए इसे महत्वपूर्ण मिशन बताते हुये उन्होंने कहा कि प्रभारी अधिकारियों को राज्य प्रतिनिधियों के साथ मिलकर तत्काल अपनी टीम बनानी चाहिए और पिछड़े जिलों के तीव्र विकास की दिशा में पहल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए वित्त की कोई कमी नहीं है। विभिन्न कार्यक्रमों के तहत पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है।
इस मौके पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि चिह्नित पिछड़े जिलों में मानव विकास सूचकांक में तेजी से सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर इन जिलों में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।