बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने मंगलवार को पटना में सहायक उर्दू अनुवादकों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज तथा उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटे जाने की घटना की घोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि बिहार सरकार के इस रवैया से नौजवानों का भविष्य कहीं ना कहीं अंधकारमय नजर आ रहा है।
इन्होंने कहा कि बिहार में सरकार नौकरी की जगह अभ्यर्थियों को लाठीचार्ज तथा पिटाई करवा कर न्याय और हक की गुहार लगाने से रोक रही है, जबकि सबको पता है कि वर्ष 2019 में ही बिहार कर्मचारी आयोग के माध्यम से 1275 पदों के लिए सहायक उर्दू अनुवादकों की बहाली निकाली गई थी, और इस पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए फाइनल रिजल्ट अब तक नहीं आया है जबकि 5 साल होने को है।
एजाज ने आगे राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर क्या कारण है अबतक कर्मचारी चयन आयोग ने बहाली की प्रक्रिया को पूरा करने में कोताही बरती है और जब अभ्यर्थी अपने हक और अधिकार की मांग को लेकर के कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय पहुंचते हैं तो उन पर लाठीचार्ज किया जाता है।
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एजाज ने राज्य सरकार से अविलंब 1275 सहायक उर्दू अनुवादकों की बहाली प्रक्रिया को पूर्ण करने तथा नियुक्ति पत्र दिए जाने की मांग की है, जिससे उर्दू के साथ-साथ अभ्यार्थियों का भविष्य भी बेहतर हो सके। उर्दू अनुवादकों की बहाली नहीं होने के कारण बहुत सारे कार्यालय में उर्दू के आवेदन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है और काम रुके पड़े हैं।