मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव चंचल कुमार आज बिहार की नौकरशाही में सबसे ताकतवर चेहरों में एक हैं। चंचल कुमार अपने तेवर और काम के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। उनका मानना है कि सीएम कार्यालय अपने आप में कैडर है और सब पर भारी है। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत दुमका से की थी।
वीरेंद्र यादव
चंचल कुमार को जानने वाले बताते हैं कि वह अपने कार्य के प्रति समर्पित रहते हैं और आत्मनिर्भर भी। वह अपने कार्यालयीन और रुटीन कार्यों के लिए भी किसी सहयोगी से मदद की अपेक्षा नहीं करते हैं। वह खुद भी छोटे-छोटे कार्यों को करते हैं। नेता के प्रति वफादारी भी उनकी पहचान है। यही पहचान उन्हें नीतीश कुमार का विश्वस्त बनाए हुए है।
फिर साथ-साथ हैं
पिछले 13 वर्षों से चंचल कुमार नीतीश कुमार के साथ हैं। इन वर्षों में चंचल कुमार पर नीतीश का विश्वास बढ़ता ही गया है। नीतीश कुमार जब रेलमंत्री थे, तब अप्रैल 2002 से नवंबर 2004 तक चंचल उनके ओएसडी थे। नीतीश कुमार जब 2005 में मुख्यमंत्री बने तो चंचल कुमार को सीएमओ में सचिव बनाकर लाए। वह 2012 तक यानी लगभग सात वर्षों तक सीएम के सचिव बने रहे। इसके बाद नीतीश ने कुछ विभागों को सुधारने के लिए उन्हें विभागों में सचिव बनाकर भेजा। इस वर्ष फरवरी में जब नीतीश ने सीएम की जिम्मेवारी संभाली तो फिर से चंचल को अपना सचिव बनाया है। 2010 में सीएम के प्रधान सचिव आरसीपी सिंह के राज्यसभा में चले जाने के बाद करीब दो वर्षों तक चंचल कुमार की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण हो गयी थी। फिलहाल चुनाव वर्ष में चंचल की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है। सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मामलों को साधने की चुनौती कठिन है। यह उनकी क्षमता पर निर्भर करता है कि इसे कैसे निबटते हैं।