शराबबंदी के बाद रविवार को बाल विवाह और दहेज प्रथा को जड़ से मिटाने के संकल्प के साथ बिहार में 13660 किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनी. इसकी शुरूआत पटना के गांधी मैदान से सीएम नीतीश कुमार ने गुब्बारा छोड़कर की. वहीं, राज्यभर से मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चों से लेकर प्रशासनिक महकमे के लोग भी शामिल हुए.
नौकरशाही डेस्क
इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा सामाजिक कुरीतियां है. इसको बदलना होगा. इस अभियान में लोगों का सहयोग मिल रहा है. इससे लोगों में काफी उत्साह भी दिख रहा है. 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से छोटे लड़के की शादी नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से विकास कार्यों के साथ ही सामाजिक सुधार के काम करते रहेंगे. सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए लोग मानव श्रृंखला बना रहे हैं. पिछले साल शराबबंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला बनायी गयी थी. वैसे तो दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ पहले से ही कानून हैं, लेकिन इस कुप्रथा को दूर करने के लिए लोगों को आगे आना होगा. सामाजिक जागरूकता से ही ऐसी कुप्रथा को हम पूरी तरह मिटा सकते हैं. सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बिहार ने नया इतिहास रचा है. आगे भी सामाजिक सुधार के काम जारी रहेंगे.