सीबीआई के नवनियुक्त निदेशक अनिल सिन्हा बिहार में बक्सर के डुमराव के हैं. उनकी नियुक्ति की खबर सुनते ही बब्लू उपाध्याय उनके गांव पहुंचे. पढ़िये अनिल सिन्हा के पैतृक गांव से यह रिपोर्ट
बक्सर का डुमराव अनुमंडल एक बार फिर गौरवान्वित हुआ है। उस्ताद विस्मिल्ला खां सहित कई ऐसी विभूतियो ने यहां जन्म लेकर अपने हुनर और क़ाबलियत से न केवल डुमराव का नाम रौशन किया बल्कि पूरे प्रदेश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी रौशन किया। इस बार हम बात कर रहे है बिहार के पूर्व डीजीपी आर आर प्रसाद के भतीजे और वर्तमान सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा की।
जिनके सीबीआई निदेशक बनाये जाने के बाद न केवल उनके परिवार वालो में ख़ुशी है बल्कि पूरा डुमराव आज उनपर गर्व कर रहा है।
नवनियुक्त सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा के पैतृक गांव डुमराव स्थित उनका पुराना घर आज भी खपरैल है.
अनिल सिन्हा को इस घर और यंहा की मिटटी ने जो ताकत दी उसके बल पर सिन्हा ने, न केवल इस क्षेत्र का ही नही बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया। माकन के एक कमरे में बचपन में अनिल सिन्हा पढ़ाई करते थे। आज भी जब कभी वो डुमराव आते है इसी कमरे में बैठकर घंटो अपनी पुरानी यादों को ताज़ा करने के बाद पुस्तको का अध्ययन भी करते है।
तक़रीबन 6 महीने पूर्व जब एक भतीजे की शादी में वो यंहा पहुंचे थे तब किसी को नही पता था की उनके बीच का ये लाल पुरे देश को अपनी क़ाबलियत का लोहा मनवाएगा। सीबीआई निदेशक बनाये जाने के बाद अब अनिल सिन्हा का परिवार काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
कुमार शैलेन्द्र मोहन ( अनिल सिन्हा के चचरे बड़े भाई ) कहते हैं अनिल सिन्हा 3 भाई और सात बहनो में सबसे बड़े है। वैसे सभी भाई बहन अच्छे जगह सेट्ल है। प्रारंभिक पढाई डुमराव से शुरू करने के बाद पटना कॉलेज पटना से स्नातक और फिर साइकॉलजी से पीजी टॉपर हुए।
पहली कोशिश में उन्हें कामयाबी नही मिली पर हार नही मानी और दुबारा प्रयास किया और आईपीएस कम्पीट की।अनिल सिन्हा की शादी वर्ष 1980 में हुयी। सिन्हा की भाभी मीनू सिन्हा बताती है की उनके अंदर बचपन से ही कुछ कर गुजरने का जज्बा था और आज उनके इस कामयाबी से सब के बीच काफी ख़ुशी है।
अनिल सिन्हा के इस कामयाबी को डुमराव के लोग डुमराव सहित पूरे बक्सर जिले की कामयाबी मान रहे है और उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि अनिल सिन्हा जो उनके बीच के है उनके कारण उन्हें और उनके इलाके सहित सभी को गौरव और सम्मान की अनुभूति हो रही है। उनके करीबी माने जानेवाले भारत मिश्रा ने बताया की श्री सिन्हा बेहद ही सरल स्वाभाव के इंसान है और वो जब डुमराव आते है सभी के साथ सामान भाव से मिलना जुलना करने के साथ साथ खेत और खलिहानों का भी भ्रमण करते है।
1979 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अनिल सिन्हा के पिता राणा प्रताप सिन्हा जैन कॉलेज आरा में मनवो विज्ञान के प्रोफेसर रहे.