बिहार सरकार ने शुक्रवार को मदरसा बोर्ड के चेयरमैन मुमताज आलम को उनके कार्यकाल खत्म होने से तीन सप्ताह पहले हटा दिया. उन पर बिना जांचे रिजल्ट जारी करने का आरोप है.
गौरतलब है कि मदरसा बोर्ड ने फौकानिया और मौलवी परीक्षा 2013 की उत्तरपुस्तिकाओं को बिना जांचे रिजल्ट जारी कर दिया. इसके बाद जब मामला मीडिया में आया तो काफी हंगामा मचा. उसी समय मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने घोषणा की ती कि सरकार मामले की जांच करायेगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी.
सरकार ने इसकी जांच तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक आशुतोष कुमार से कराई. जांच में पाया गया कि रिजल्ट के बाद साक्ष्य छुपाने के लिए कॉपियों को बेच दिया गया. मुमताज आलम पर वित्तीय अनियमितता का भी आरोप लगा.
आलम का कार्यकाल 4 जनवरी 2015 को खत्म होने वाला था. हालांकि उनके कार्यकाल के पहले हटा कर सरकार ने यह जताने का प्रयास किया है कि वह अनियमितता को बर्दाश्त नहीं कर सकती. लेकिन अब सवाल यह भी उठ रहे हैं कि आलम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी या सिर्फ पद से हटा देना ही काफी है?
आलम की जगह माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक सुरेश चौधरी को चेयरमैन का प्रभार दिया गया है. इस बीच आलम ने कहा कि वे सरकार के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे.