नोटबंदी के बाद बैंक खातों में पांच लाख रुपये से अधिक की राशि जमा कराने वाले ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान की गयी है ,जिनका नकदी लेनदेन उनके करदाता प्रोफाइल से मेल नहीं खा रहा है। ऐसे लोगों को 10 दिनों में ई सत्यापन कराना होगा नहीं तो उनके खाते सील कर दिये जायेंगे। राजस्व सचिव हसमुख अधिया और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष सुशील चंद्रा ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा में यह जानकारी दी।
श्री अधिया ने कहा कि नौ नवंबर से 30 दिसंबर के बीच बैंक खातों में जमा करायी गयी नकद राशि का ई सत्यापन किया जा रहा है और इसके लिए सीबीडीटी ने अपने स्तर पर एक साफ्टेवयर विकसित किया है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने इस साफ्टवेयर पर आधारित ‘स्वच्छ धन अभियान’ शुरू किया है और इसी के तहत नोटबंदी के दौरान जमा नकद राशि की पहचान की जा रही है। इसके तहत करदाताओं के आयकर रिटर्न और नदकी लेनदेन का मिलान किया जा रहा है और उसी के आधार पर अधिक धनराशि जमा कराने वालों की पहचान की जा रही है।
श्री चंद्रा ने कहा कि दो करोड़ से अधिक खाते में अस्वाभाविक नकद जमा है लेकिन पहले चरण में पांच लाख रुपये से अधिक राशि जमा कराने वालों का ई सत्यापन किया जा रहा है। इसके बाद तीन से पांच लाख रुपये जमा कराने वालों का सत्यापन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ई सत्यापन के लिए ऑनलाइन रिटर्न भरने वाले पोर्टल पर ही लॉगइन करना होगा और वहीं पर विस्तृत जानकारी देनी होगी जो सीधे आयकर अधिकारी के पास जायेगी।