यूपी के बागपत जिले के बड़ौत-सिनौली गांव में दलित परिवार की एक किशोरी आशु का शव भी दबंगों के दिल को नहीं पसीज सका नतीजन रिश्तेदार शव को लिए 9 घंटे तक भटकते रहे.
अमर उजाला की रिपोर्ट
दबंगई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिजन युवती का शव लेकर दाह संस्कार के लिए नौ घंटे तक भटकते रहे। लेकिन लाठी-डंडे के जोर पर श्मशान घाट पर कब्जा कर लेने वाले दबंगों ने परिजनों को शव के दाह संस्कार की इजाजत नहीं दी।
गम में डूबे परिवार को युवती की अर्थी के साथ बड़ौत जाकर धरना देना पड़ा, तब जाकर बड़ी मुश्किल से उसकी चिता को आग मिल पाई। वो भी दबंगों के कब्जे वाली जगह पर नहीं, बल्कि गांव के ही दूसरे श्मशान घाट में।
जोर जबरदस्ती दिखाने वाले दबंगों के खिलाफ एक्शन लेने के बजाय पुलिस-प्रशासन ने दलितों को ही समझाया कि दूसरे श्मशान घाट में जाकर चुपचाप बेटी के शव का दाह संस्कार कर लें।दलित किशोरी का अंतिम संस्कार दूसरे श्मशान घाट भी तब हुआ, जब बसपा के बड़ौत विधायक लोकेश दीक्षित अफसरों से उलझ पडे़। उन्होंने गुस्से में कहा यह कैसा प्रशासन है, जो दबंगों के आगे घुटने टेक रहा है और दलितों को दाह संस्कार तक नहीं करने दिया जा रहा है।
सिनौली से पहुंचे लोग तहसील में धरने पर बैठ गए थे। वहीं विधायक पहुंचे। दलित प्रदीप की बेटी आशु (17) की मौत बृहस्पतिवार को दिल्ली के एक अस्पताल में हुई थी। वह काफी दिन से बीमार चल रही थी।
शनिवार को सुबह सात बजे उसका शव गांव के उस श्मशान घाट पर ले जाया गया, जहां दबंगों का कब्जा है।दबंगों ने दाह संस्कार नहीं करने दिया। काफी देर परिजन उन्हें समझाते रहे, लेकिन वे लोग नहीं माने।
दोपहर 11.30 बजे युवती के परिजन अर्थी लेकर बड़ौत तहसील पहुंचे। वहां धरना प्रदर्शन के बाद सीओ और एसडीएम ने इन्हें समझाया कि दबंगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आशु के शव का दाह संस्कार गांव के दूसरे श्मशान घाट में कर दिया जाए। इस पर वे लोग चले गए। शाम चार बजे उसका दाह संस्कार हुआ।सिनौली गांव में 03 श्मशान घाट हैं, एक पर कब्जा हो गया है, दूसरे पर दबंगों का जोर है, तीसरा दलितों के लिए है।
दलितों का आरोप है कि जिस श्मशान पर कब्जा हुआ, वहां प्रधान ने टंकी बनवा दी। जिस श्मशान घाट पर दबंगों का कब्जा है, वहां वे दलितों को दाह संस्कार नहीं करने देते।
इसी श्मशान घाट पर आशु का शव ले जाया गया था, दबंगों ने विरोध किया। विधायक ने एसडीएम से कहा दबंगों के खिलाफ एफआईआर की जाए।
एससी-एसटी आयोग को नहीं दी जानकारी
सिनौली में यह वाक्या उस समय हुआ, जब राज्य एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष मुकेश सिद्धार्थ बागपत के पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में दलित उत्पीड़न के मामलों की समीक्षा कर रहे थे। अफसरों ने उन्हें सिनौली प्रकरण की जानकारी नहीं दी। पूछने पर उन्होेंने बताया मामले की जानकारी की जाएगी।