तेजस्वी यादव ने 2008 में बिहार में आई भीषण बाढ़ की याद दिलाते हुए कहा कि तब रेल मंत्री लालू प्रसाद थे। उनके अनुरोध पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी बाढ़ का मुआयना करने आए थे। रेल विभाग ने राहत सामग्री पहुंचाई थी। आज नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी से बात करने में डर रहे। प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमर ने मिल कर बिहार को बेचारा बना दिया है।
बिहार में बिहार में आई बाढ़ को याद कीजिए। तब केंद्र में की सरकार थी। कांग्रेस के बाद केंद्र में दूसरी सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी राजद और उनके नेता केंद्रीय रेल मंत्री आदरणीय लालू प्रसाद जी के आग्रह पर प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी और यूपीए चेयरपर्सन आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधी जी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर बिहार आए थे।
लालू जी ने सकारात्मक राजनीति का अकल्पनीय व अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री जी को बाढ़ की भयावह स्थिति से अवगत करा इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कराया तथा उस दौर में यानि आज से साल पूर्व केंद्र से तत्काल करोड़ की विशेष सहायता राशि बिहार को दिलाई। हाँ जी केवल बाढ़ के लिए करोड़।
की नीतीश सरकार ने केंद्र की सरकार से एक लाख टन अनाज की मांग की थी लेकिन केंद्र की सरकार ने प्रभावित लोगों की मदद एवं राहत के लिए एक लाख हज़ार टन अनाज बिहार को दिया। जितना नीतीश सरकार ने माँगा उससे अधिक बिहार को दिया।
नीतीश सरकार ने उसी अनाज को बचाकर रखा और के चुनावों से पूर्व गरीब जनता में सरकार का दिया हुआ अनाज यह कर बाँटा की नीतीश सरकार यह अनाज दे रही है तथा चुनावों में इसका फ़ायदा उठाया। केंद्र और बिहार की सरकारें उत्तर बिहार के लोगों की जान और माल की क़ीमत बस चंद किलों अनाज से आंकती है। बारम्बार तटबंध और बांध क्यों टूटते है इसका कारण भी सरकार को बताना होगा?
उस वक़्त तत्कालीन रेल मंत्री लालू जी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त रेल चलायी तथा साथ ही करोड़ की सहायता राशि भी रेल मंत्रालय से दिलाई। उन्होंने एक लाख साड़ी-धोती बँटवाई। कोसी क्षेत्र में रेलवे प्लेटफ़ार्म पर रेल के डिब्बों में बाढ़ राहत शिविर लगवाए। लालू जी ने अपने एक महीने की सैलरी, में जीते हुए करोड़ रुपए, रेल मंत्रालय के सभी कर्मचारियों का एक दिन की सैलरी, , रेलवे ईस्ट जोन, वेस्ट जोन इत्यादि से भी सहायता राशि बिहार को दी।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी की कमी को देखते हुए लालू जी हज़ार लीटर की क्षमता वाले रेलवे टैंकर वहाँ भेजने के साथ साथ रेलवे की ओर से रेलनीर के पानी की एक लाख बोतलें तुरंत बिहार भेजी थी । उस दौर में लालू जी के प्रयासों से सब सहायता सरकार ने की थी लेकिन उसका प्रचार-प्रसार नीतीश कुमार ने अपने नाम से किया। से तक लालू जी में बिहार को लाख हज़ार करोड़ की वित्तीय पैकेज दिलाया था लेकिन उससे चेहरा मा॰ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकाया।
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उस वक़्त के बिहार से सांसद थे जबकि अब के सांसद है। के सांसद, बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्र में बिहार से के केंद्रीय मंत्री कितने बेबस, लाचार और असहाय है कि इनके सहारे चल रही केंद्र सरकार से बिहार की विनाशकारी बाढ़ को ना आपदा घोषित करा सकते है और ना ही विशेष सहायता राशि की माँग सकते है। आज बीजेपी के किसी भी केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री को बिहार नज़र नहीं आ रहा है? बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बिहार की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने एवं सहायता राशि की माँग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से क्यों नहीं मिलते जबकी बिहार के लाखों लोग एवं आधे से अधिक जिले बाढ़ से प्रभावित है? श्री नीतीश कुमार जी प्रधानमंत्री से मिलने में हिचकते क्यों है?
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