2009 के आम चुनाव में 84.6 प्रतिशत उम्मीदवार कुल डाले गए वोटों का न्यूनतम 1/6 हासिल नहीं कर सके इसलिए उनकी जमानत राशि जब्त हुई। इस प्रकार सरकार को 17 करोड़ 7 लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई.
अगर कोई उम्मीदवार कुल डाले गए वैध मतों में से कम से कम 1/6 हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमा राशि राजकोष में चली जाती है।
8070 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जिनमें से 6829 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके।
भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों के अऩुसार लोकसभा चुनाव के लिए किसी उम्मीदवार को नामांकन भरते समय 25 हजार रूपये की जमानत राशि जमा करानी होती है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को जमानत के तौर पर आधी राशि जमा करानी होती है।
चुनाव में 543 लोक सभा सीटों पर 8070 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया जिनमें राष्ट्रीय दलों के 1623 राज्य स्तर के दलों के 394, गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के 2222 और निर्दलीय 3831 उम्मीदवार थे।
जमानत जब्तय होने वाले उम्मी दवारों में 779 राष्ट्र दलों के, 80 राज्य स्तशरीय दलों के, 2164 गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के और 3806 निर्दलीय थे।
इसका अर्थ है कि मोटे तौर पर राष्ट्री य दलों के हर एक दूसरे और राज्यल स्तयरीय दलों के हर एक पांचवें उम्मी दवार अपनी जमानत नहीं बचा सके। इसके अलावा 3831 निर्दलीय उम्मीजदवारों में से केवल 25 जमानत बचाने के लिए आवश्यकक मत हासिल कर सके। कुल मिलाकर बड़ी संख्या में यानि 84.6 प्रतिशत उम्मीेदवारों की जमानत जब्तक हुई।
2009 के आम चुनाव में 7 राष्ट्री य दलों (भाजपा, बीएसपी, सीपीआई, सीपीएम, भारतीय राष्ट्री य कांग्रेस, राष्ट्र वादी कांग्रेस पार्टी और आरजेडी) के लगभग 48 प्रतिशत, राज्यी स्त रीय दलों के 20.3 प्रतिशत, गैर मान्याता प्राप्तआ पंजीकृत दलों के 97.38 प्रतिशत और निर्दलीय उम्मीकदवारों में से 99.34 प्रतिशत उम्मीादवारों की जमानत जब्तज हुई और उनकी जमा राशि राजकोष में चली गई।
2009 के आम चुनाव में उत्तपर प्रदेश में देश में सबसे अधिक 1155 उम्मी दवारों की जमानतें जब्त2 हुईं।