Month: September 2012

दाढ़ी और टोपी की मुस्लिम पहचान से बाज आइए वरना अनर्थ हो जायेगा

एक पांच-सात साल के शहरी मध्य वर्ग के गैर मुस्लिम बच्चे से पूछिए, वह पूरी मासूमियत से तुतलाती जुबान में…

बिहार का प्रशास्निक तंत्र पैसे खर्च करने में कंजूस नहीं, नाकारा है

इर्शादुल हक— कोई पैसे के अभाव में गरीब होता है. कोई पैसा होते हुए भी संसाधनहीन होता है. दोनों स्थितियां…


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