Month: February 2015

वो शोख़ सितमगर तो सितम ढ़ाये चले है/ तुम हो के कलीम अपनी ग़ज़ल गाये चलो हो

कलीम आजिज हमारे बीच नहीं रहे. पढ़िये यह प्यारी ग़ज़ल जिसे हमें ओबैदुर्रहमान ने भेजी है. औबैदुर्रहमान के पिता डा.…

मनोविज्ञान की भूमिका पर फोटो प्रदर्शनी, तीन को मिले पुरस्कार

कॉलेज ऑफ कॉमर्स के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग में शनिवार को पोस्टर प्रदर्शनी लगायी गई। ’मनोविज्ञान का शास्त्रीय अध्ययन’ विषय पर…

भाजपा और मोदी सफलता के नशे में ऐसे डूबे कि हिन्दू मन टटोल न सके

साम्प्रदायिकता और नफरत की लहर को केजरीवाल की सुनामी ने एक झटके से रोक दिया क्योंकि साम्प्रदायिकता, लोकतंत्र में विश्वास…


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