उप मुख्यमंत्री सह पर्यावरण एवं वन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि राज्य में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022 तक दो हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। श्री मोदी ने ज्ञान भवन में आयोजित ईस्ट इंडिया क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव-2018 को संबोधित करते हुये कहा कि बिहार में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022 तक कुल बिजली का दो हजार मेगावाट सोलर से उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भागलपुर के पीरपैंती और लखीसराय के कजरा में 350-350 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 सितंबर 2018 के बाद ईंट भट्ठे का संचालन नई स्वच्छ तकनीक से होगा। इससे एक लाख ईंट तैयार करने में तीन टन कोयले की बचत होगी। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में 15 करोड़ पौधे लगाकर बिहार के हरित आवरण को 17 प्रतिशत से अधिक किया जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के नेशनल एडेप्टेशन फंड ऑन क्लाइमेट चेंज से स्वीकृत 23 करोड़ रुपये से कृषि विभाग राज्य में जलवायु परिवर्तन से मुकाबले की योजना को कार्यान्वित करेगा। उन्होंने कहा कि ग्रीन क्लाइमेट फंड के तहत केंद्र सरकार ने बिहार के लिए 339 करोड़ रुपये की योजना को प्रारंभिक स्वीकृति दी है।

उप मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा कि अत्यधिक ठंड के कारण बिहार के कुछ इलाके में पिछले साल मक्के की बाली में दाना नहीं आया। इसके कारण वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2017-18 में मक्के के उत्पादन में 12 लाख मिट्रिक टन की कमी आ गई। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर राज्य एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसमे कृषि, जल संसाधन, पशुपालन, आपदा प्रबंधन, वन, उद्योग, परिवहन और नगर विकास विभाग को शामिल किया गया है। सरकार क्लाइमेट चेंज सेंटर स्थापित करने के साथ ही जलवायु परिवर्तन से संबंधित एक पोर्टल भी विकसित कर रही है।

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