एक कथित अपराधी के गुप्तांग में लाल मिर्च और डंडा ठूस कर मौत के घात उतार देने के आरोपी जमुई के दो दारोगा एक वर्ष से फरार हैं इस बीच तीन एसपी बदले पर पुलिस अभी तक हाथ पर हाथ रखे बैठी है.
मुकेश कुमार सिंह, जमुई से
जमुई पुलिस के दामन पर कैदी मुन्ना सिंह की हत्या के खून के छीटे आज भी नहीं धूल पायी है।जिस अमानवीय तरीके से कैदी मुन्ना सिंह को पुलिस ने रिमांड के दौरान बेरहमी से पिटाई की थी की वह पीड़ा से तड़प तड़प कर स्वर्ग सिधार गया।
इस घटना के विरोध में नागरिकों का आक्रोश सड़क पर उतर आया।तब जाकर आलाधिकारियों की पहल पर जमुई टाउन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष जीतेन्द्र कुमार और गिधौर के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
यह है कहानी
बताते चले की जमुई के कपड़ा व्यवसायी बैकुंठ वर्णवाल के अपहरण के मामले में गत वर्ष लखापुर निवासी मुन्ना सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।जिसे पुलिस ने कोर्ट से रिमांड पर लेने के बाद पूछ ताछ के दौरान उसकी बेरहमी से पिटाई की।कैदी मुन्ना सिंह के गुप्तांग में मिर्च का पाउडर व् पेट्रोल डंडे के प्रहार से घुसेड़ा गया। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसे जमुई जेल पंहुचा दिया गया। उसकी हालत देखकर जेल के कैदी उग्र हो गये।तत्कालीन जिला व सत्र न्यायाधीश विजय कुमार सिन्हा खुद जमुई जेल में गये और घटना की पूरी जानकारी लेते हुए उसे तत्काल इलाज के लिये सदर अस्पताल भेजने का आदेश दिये।जहां उसकी बिगड़ी हालत को देखते हुए उसे पीएमसीएच पटना रेफर किया गया।इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस घटना में तत्कालीन आरक्षी अधीक्षक दीपक वर्णवाल सहित दो थानेदार आरोपो के घेरे में आये।भागलपुर के तत्कालीन आई जी जीतेन्द्र कुमार ने मामले की तहकीकात करने के उपरांत एसपी को क्लीन चिट देते हुए दोनों दारोगा की संलिप्तता को उजागर किया।जिसके उपरांत मुंगेर के तत्कालीन डीआईजी सुधांशू कुमार ने प्रदत्त शक्ति के तहत दोनों फरार दारोगा को सेवा से बर्खास्त कर दिया। उक्त दारोगा की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया।लेकिन फरार दोनों दारोगा को जमुई पुलिस आजतक नहीं गिरफ्तार कर पायी।
सुप्रीम कोर्ट तक में इनकी जमानत अर्जी ख़ारिज हो चुकी है।
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