उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आह्वान किया कि अगले वर्ष 22 मार्च बिहार दिवस से पूर्व पूरे राज्य को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जाये। श्री मोदी ने पटना में ‘विश्व शौचालय दिवस’ पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि सोच बदलिए, शौचालय चलिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जहां बिहार के 22 प्रतिशत घरों में शौचालय था, वहीं पिछले चार साल में 82.40 प्रतिशत घरों में 86 लाख से ज्यादा शौचालय बन चुके हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 11 जिले ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं। अगले वर्ष 02 अक्टूबर तक पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य है। उन्होंने आह्वान किया कि ‘बिहार दिवस’ 22 मार्च, 2019 से पूर्व पूरे बिहार को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जाये। श्री मोदी ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहां केन्द्रीय योजना में प्रावधान नहीं होने के बावजूद गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के परिवारों को भी शौचालय निर्माण के लिए राज्य बजट से 12 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकलन के अनुसार यदि देश पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त हो जाता है तो प्रतिवर्ष तीन लाख बच्चों को डायरिया से बचाया जा सकेगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 साल पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता का नारा दिया और कहा था कि ‘राजनीतिक आजादी से मेरे लिए बड़ा मुद्दा स्वच्छता का है।’ वर्ष 1953 में डॉ. राममनोहर लोहिया ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से कहा था कि मैं आपका विरोध करना छोड़ दूंगा यदि आप शहर और गांवों में शौचालय बनवा दें।