बिहार में गंगा समेत आठ प्रमुख नदियों में उफान से 18 जिलों में जारी बाढ़ के कहर में अबतक 304 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं युद्धस्तर पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों की बदौलत सात लाख 35 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। इस बीच उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बताया कि बिहार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 26 अगस्त, 2017 को बिहार आ रहे हैं।
बाढ़ से अबतक तीन से अधिक लोगों की मौत
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गंगा समेत राज्य की आठ प्रमुख नदियां कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, पुनपुन, घाघरा और अधवारा समूह का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण अभी भी 18 जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सहरसा, खगड़िया, सारण एवं समस्तीपुर बाढ़ की चपेट में हैं।
प्रभावित जिलों में मृतकों की संख्या 304 पर पहुंच गई है। सूत्रों ने बताया कि बाढ़ की इस विभीषिका में सबसे अधिक 71 लोगों की मौत अररिया जिले में हुई है। वहीं, मृतकों की संख्या सीतामढ़ी में 34, पश्चिम चंपारण में 29, कटिहार में 26, पूर्वी चंपारण एवं दरभंगा में 19-19, मधुबनी में 22, मधेपुरा में 15, सुपौल में 13, किशनगंज में 11, पूर्णिया एवं गोपालगंज में नौ-नौ, मुजफ्फरपुर सात, खगड़िया और सारण में छह-छह तथा सहरसा एवं शिवहर में चार-चार पर पहुंच गई है। केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि अभी भी गंगा समेत राज्य की आठ नदियाें का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। वहीं छह प्रमुख नदियों गंगा, सोन, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक और कोसी के जलस्तर का बढ़ना अभी भी जारी है।