यह है सहरसा कोलकेट्रियट. कोलेक्ट्रियट वह दफ्तर है जहां देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने वाले आईएएस अफसर अपना काम निपटाते हैं. पर यह क्या है?
विनायक विजेता
पिछल्ले दिनों पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा मारे गए बिहार रेजीमेंट के शहीद सैनिकों पर बिहार के दो मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणी अभी चर्चा और विवाद में है ही कि सहरसा समाहरणालय में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का ताजा मामला सामने आया है. यहां के हमारे एक कलिग और पत्रकार तेजस्वी ठाकुर ने एक ऐसी तस्वीर मेल की जो चौकाने वाली है.
यह तस्वीर है सहरसा के जिला समाहरणालय में फहराते उस तिरंगे का जिसे देख कर हर कोई अचंभित हो सकता है.
यह तिरंगा हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज है या कांग्रेस पार्टी का झंडा इसको लेकर गलतफहमी या सवाल खड़ा हो सकता है क्योंकि बीते 26 जनवरी से ही समाहरणालय परिसर में फहराते इस तिरंगे के बीच में हमारे राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चक्र का अता-पता ही नहीं है.
जिस राज्य के मंत्री शहीदों का अपमान कर रहें हों और अधिकारी राष्ट्रीय ध्वज का. और जहां हमारी सरकार का नारा है ‘बनता और बढता बिहार.’
समाहरणालय में प्रतिदिन जिलाधिकारी से लेकर बडे अधिकारी आते जाते हैं पर कभी किसी ने इस राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की ओर ध्यान नहीं दिया.
क्या सरकार ऐसे लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी?