26 जनवरी परेड में झारखंड, बंगाल की झांकियों को इजाजत नहीं
26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड, बंगाल, केरल और तमिलनाडु की झांकियों को केंद्र सरकार ने इजाजत नहीं दी। ममता ने किया विरोध, झारखंड में उठा सवाल।
इस वर्ष केंद्र ने 26 जनवरी को दिल्ली में होनेवाले गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड, केरल, बंगाल और तमिलनाडु को अपनी झांकियां प्रस्तुत करने की इजाजत नहीं दी है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के निर्णय पर जोरदार विरोध जताते हुए पूछा कि केंद्र बताए कि उसकी झांकी क्यों रोकी गई। ममता ने कहा कि बिना कोई कारण बताए केंद्र ने राज्य की झांकी पर रोक लगा दी। ममता ने विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा है। बंगाल की झांकी में इस बार सुभाषचंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर उनके बारे में और उनकी इंडियन नेशनल आर्मी के बारे में झांकी प्रस्तुत करने का प्रस्ताव भेजा गया था। इसके साथ ही विद्यासागर, रवींद्र नाथ टैगोर, विवेकानंद, चितरंंजन दास, श्री अरविंदो, मतानगिरी हाजरा, बिरसा मुंडा और नजरूल इस्लाम पर भी झांकी प्रस्तुत करने का प्रस्ताव भेजा गया था।
इधर झारखंड को भी अपनी झांकी प्रस्तुत करने की इजाजत नहीं मिला, जिससे प्रदेश में लोगों में नाराजगी दिख रही है। इस बार झारखंड ने संताल हुल को अपनी झांकी में प्रस्तुत करने की योजना केंद्र के पास भेजी थी। झारखंड के कई संगठनों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह आदिवासी संस्कृति और इतिहास को देश के सामने लाने से रोक रही है।
तमिलनाडु ने भी स्वतंत्रता आंदोलन पर झांकी का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र ने मना कर दिया। मुख्यमंत्री स्तालिन ने कहा कि अब वह झांकी पूरे प्रदेश में दिखाई जाएगी। केरल ने समाज सुधारक श्री नारायणा के बारे में प्रसातव भेजा था। केंद्र द्वारा भाजपा विरोधी सरकारों की झांकियों पर रोक का विरोध किया है।
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