बिहार में चार साल बाद एनडीए की पहली कैबिनेट में आज 29 जुलाई को विश्वास मत साबित करने का फैसला लिया गया है. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 29 जुलाई को विधान सभा में अपना बहुमत साबित करेगी. गौरतलब है कि महागठबंधन से अलग होने के बाद आज नीतीश कुमार ने छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. उन्होंने बुधवार शाम करीब 6 बजे इस्तीफा दिया था.
नौकरशाही डेस्क
उधर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले में कोर्ट जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सिंगल लारजेस्ट पार्टी होने के नाते पहले उन्हें बुलाया जाना चाहिए था. मगर रात को मिलने और फिर सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र देने की इतनी जल्दी क्यों थी नीतीश को ? इससे पहले तेजस्वी यादव ने कल देर रात राजभवन में राज्यपाल से भी मुलाकात की थी और कहा था कि गवर्नर से हमने उनके फैसले के रिव्यू की मांग रखी है. शपथ ग्रहण रोकने की मांग की है. हमें बहुमत साबित करने का मौका देने की अनुरोध किया है.
तेजस्वी ने जदयू के कुछ विधायक साथ होने का दावा करते हुए कहा था कि अगर उनको (नीतीश) इतना भरोसा है तो चुनाव में क्यों नहीं जाते ? किस मुंह से ये शपथ लेंगे, इनका मर्डर का केस चल रहा है. तेजस्वी एक बहाना था, इनको भाजपा के साथ जाना था. भूल गए इसी मोदी ने नीतीश को डीएनए वाली बात कही थी, गाली दी थी. अब ये गोडसे के वशंज के साथ सरकार बना रहे हैं.