3 साल का स्नातक कोर्स 4 साल करने के खिलाफ आइसा का राजभवन मार्च
3 साल का स्नातक कोर्स 4 साल करने के खिलाफ आइसा का राजभवन मार्च। फीस वृद्धि का भी विरोध किया। राज्य का शिक्षा विभाग भी राज्यपाल को लिख चुका है पत्र।
आइसा ने चार सालाना स्नातक कोर्स, फीस वृद्धि एवं बिहार के विश्वविद्यालयों में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ सोमवार को राजभवन मार्च निकाला। शुरुआत गांधी मैदान के निटक कारगिल चौक से हुई, जिसे पुलिस ने जेपी गोलंबर के पास रोक दिया। राज्यपाल की अनुपस्थिति में आइसा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के ओएसडी संजय कुमार से मिल कर ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधि मंडल में आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारी महासचिव प्रसेनजीत कुमार, राज्य सचिव सबीर कुमार, राज्य अध्यक्ष विकास यादव, राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम, उपाध्यक्ष प्रीति कुमारी, सह सचिव मयंक कुमार, प्रिंस कुमार थे।
आइसा ने पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा
ज्ञापन में चार सलाना स्नातक कोर्स वापस लेने,फीस वृद्धि वापस लेने, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा में निवर्तमान कुलसचिव,एवं वर्तमान कुलपति के कार्यकाल की जाँच कराने ,तिलका मांझी विश्वविद्यालय के आइसा नेता प्रवीण कुशवाहा की बिना शर्त रिहाई की मांग रखा। साथ ही पटना विश्वविद्यालय में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता एवं हिंसक घटनाओं पर राजभवन को संज्ञान लेने की भी मांगें रखी हैं।
महासचिव प्रसेनजीत कुमार ने कहा कि बिहार के सभी कैम्पसों में बेतहाशा फीस वृद्धि हो रहा है। बिहार जैसे आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े राज्य के लिए नई शिक्षा नीति एवं चार सालाना स्नातक कोर्स घातक है। गरीब दलित, पिछड़े एवं वंचित समुदायों को यह उच्च शिक्षा से बाहर कर देगा।
इससे पहले बिहार के शिक्षा विभाग ने भी राज्यपाल को पत्र लिखकर स्नातक कोर्स चार करने में फिलहाल असमर्थता जताई है। इसी के साथ इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-साने हो गया है। भाजपा चार साल के स्नातक कोर्स के पक्ष में है, जबकि जदयू, राजद सहित सभी वाम दल इस पर अपना विरोध जता चुके हैं।
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