पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी विमुद्रीकरण के खिलाफ और नोटबंदी के निर्णय को वापस लेने के लिए 30 नवंबर को पटना के गर्दनीबाग में धरना देंगी। पूर्व रेलमंत्री और टीएमसी के सांसद मुकुल राय पटना में पत्रकार में वार्ता में कहा कि सुश्री बनर्जी विमुद्रीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी दौरा कर रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। दिल्ली के जंतरमंतर दिया गया। 29 नवंबर को लखनऊ में धरना देंगी और 30 नवंबर को पटना के धरना में शामिल होंगी। धरना का आयोजन आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से किया गया है।
विमुद्रीकरण वापस लेने के लिए होगा धरना
टीएमसी अन्य दलों को भी करेगी आमंत्रित
श्री राय ने कहा कि वे धरना में शामिल होने के लिए अन्य दलों के नेताओं से बातचीत करेंगे और उन्हें धरना में आमंत्रित करेंगे। नोटबंदी के खिलाफ संसद परिसर में आयोजित धरना में जदयू समेत अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी कालाधन के खिलाफ है, लेकिन विमुद्रीकरण का समर्थन नहीं करती है। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी का मानना है कि इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ी है। किसानों के पास बीज और खाद खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है।
श्री राय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा के लिए दो सीटों के लिए उपचुनाव हुआ था। टीएमसी दोनों सीटों पर चार लाख अधिक मतों से विजयी हुई। मध्यप्रदेश में विधान सभा के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा की जीत बहुत कम वोटों से हुई। यह परिणाम इस बात का प्रमाण है कि जनता विमुद्रीकरण के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए विमुद्रीकरण के खिलाफ और नोटबंदी वापस लेने के लिए आंदोलन कर रही है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि पटना में ममता बनर्जी के धरना में कई दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें टीएमसी के कई सांसद भी शामिल होंगे।