पीएम नरेंद्र मोदी ने गया की अपनी परिवर्तन रैली में एक बात का स्पष्ट इशारा कर दिया कि बिहार को विशेष राज्य या विशेष पैकेज देने का अपना वादा वह नहीं पूरा करने वाले.
नौकरशाही न्यूज
उन्होंने साफ कहा कि दिल्ली के कांधे से कांधा मिला कर चलने वाली सरकार होगी तभी बिहार का विकास होगा, नहीं तो नहीं होगा. गया में अपने 41 मिनट के संबोधन में मोदी अपने पिछले वादे को जुबान पर भी नहीं लाया. याद रहे कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने यह वादा किया था. इतना ही नहीं विगत 25 जुलाई को मोदी ने पटना में साफ कहा था कि बिहार को जितना देने को वह सोच रहे थे उससे ज्यादा देने की जरूरत है लेकिन उस दिन भी उन्होंने कोई ठोस बात नहीं रखी.
सवल किया जवाब लिया
मोदी ने गया की रैली में भीड़ से दर्जनों सवाल किये. पूछा जंगलराज फिर से आना चाहिए क्या? बिहार में जंगलराज पार्ट टू आने देना चाहिए क्या? बोध गया में ताजमहल देखने वालों से ज्यादा लोग आना चाहते हैं. वे आते हैं क्या.?बिहार में बिजली नहीं तो वोट नहीं का वादा किया गया था. बिजली आयी क्या? बिजली की खपत बिहार में मात्र 150 केवी प्रति व्यक्ति है. इससे ज्यादा बिजली झारखंड वालों को मिलती है. झारखंड जितनी बिजली मिलती है क्या? बिहार में मात्र 25 हजार इंजिनियरिंग की सीट है जबकि हिमाचल में एक लाख से ज्यादा सीट है. हिमाचल जितनी सीट यहां होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? ऐसे ही दर्जनों सवालों के तीर मोदी ने भीड़ की तरफ उछाला. और भीड़ से जवाब चाहते रहे.
जंगला राज और अहंकारी सरकार
मोदी ने बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया और कहा कि पटना में भाजपा कार्यकर्ता को गोली मार दी गयी. यह जंगल राज का नमूना है. बोलो ऐसी सरकार चाहिए क्या? मोदी ने यह भी कहा कि बिहार में 25 सालों से जिन लोगों का शासन है वह अहंकार और अराजकता चाहने वाले लोग हैं जिसके कारण बिहार इतना पिछड़ा है और आज तक बीमारू राज्य बना हुआ है. क्या आप फिर ऐसे बीमारू राज्य चाहते हैं क्या?
मोदी ने गिन गिन कर लालू और नीतीश का नाम लिये बिना निशाना साध और राजद को रोजाना जंगल राज का डर तो जद यू को जनता का दमन और उत्पीड़न की पार्टी बताते हुए कहा कि जो लोग अभी कह रहे हैं कि जहर पी लिया है( लालू की तरफ इशारा) वे चुनाव के बाद जहर उगलेंगे. उन्होंने फिर भीड़ से सवाल किया बोलों उगलेंगे कि नहीं उगलेंगे. भीड़ से आवाज आयी अगर उगलेंगे तो क्या ऐसी सरकार आनी चाहिए क्या.
मोदी ने कहा कि बिहार से हर साल चार-पांच लाख युवा पढ़ाई के लिए बाहर जाते हैं इससे राज्य का चार हजार करोड़ रुपये बिहार से बाहर चला जाता है. लेकिन जंगला राज और अहंकारी सरकारों ने कालेज खोलने के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने पूछा कि राज्य का चार हजार करोड़ रुपये हर साल बाहर जाना चाहिए क्या. भीड़ के मनोविज्ञान को बखूबी समझने वाले मोदी ने 41 मिन के भाषण में ऐसे 22 बार सवाल पूछे और लोगों से सवाल के जवाब हां या में प्राप्त किये. इस दौरान उन्होंने एक बार भी लालू और नीतीश का नाम नहीं लिया लेकिन जब भी जरूरत पड़ी उन्होंने इन दोनों नामों को भीड़ से कुबूल करवाया.
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