उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि बिल्डिंग बाईलॉज-2014 की समीक्षा के लिए बिल्डर एसोसिएशन, आर्टिटेक्ट आदि की एक समिति बनाई जायेगी, जो तीन महीने में सुझाव देगी। प्राप्त सुझावों के आधार पर ब्लिडिंग बाईलॉज-2014 में जरूरी सुधार किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि आवेदन देने के 30 दिन के भीतर मकानों के नक़्शे व अन्य वांछित एनओसी आदि की स्वीकृति सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए दे दी जाएगी।
नौकरशाही डेस्क
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिल्डरों के आग्रह पर RERA( Real State Regulation & Development Act-2016) के अन्तर्गत 8 से अधिक फ्लैट के निर्माण करने वालों के निबंधन की तिथि को बढ़ा कर 30 नवम्बर,2017 तक कर दिया गया है। नक़्शे की स्वीकृति और एनओसी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम पर लगे सॉफ्टवेयर ही यह जांच कर लेगा कि जिस मकान के लिए नक़्शे की स्वीकृति दी जा रही है, उसमें ब्लिडिंग बाईलॉज का पालन हुआ है या नहीं।
उन्होंने कहा कि RERA के अन्तर्गत निबंधन कराने वाले ब्लिडरों को भविष्य में नगर निकायों में निबंधन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। ( Affordable Housing Policy) ऑफरडेबुल हाउसिंग पॉलिसी के अन्तर्गत 4 हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंड पर प्रस्तावित प्रोजेक्ट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों व एलआईजी के लिए 15 प्रतिशत आवास आरक्षित करने के प्रावधान में आ रही कठिनाइयों पर भी विचार किया गया।