रोजगार संबंधी एक रिसर्च संस्था के ताजा सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि भारत के 47 प्रतिशत ग्रेजुएट्स में रोजगार पाने की काबिलियत नहीं है.
एस्पारिंग माइंड्स के सर्वे में बताया गया है कि 47 प्रतिशत ग्रेजुएट्स का अंग्रेजी ज्ञान और संज्ञानात्मक कौशल ऐसा नहीं है कि वे जॉब मार्केट की मौजूदा जरूरतों को पूरी कर सकें.
यह अध्ययन भारत भर के कालेजों के 60 हजार ग्रेजुएट्स पर किया गया है.
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इस अध्ययन में कहा गया है कि चूंकि ग्रेजुएशन के बाद छात्रों से रोजगार प्राप्त करने की योग्यता वाला माना जाता है लेकिन नॉलजे इकॉनोमी के मौजूदा दौर में उनकी शिक्षा रोजगारपरक नहीं है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रोजगारपरक शिक्षा के लिए जरूरी है कि वोकेशनल कोर्सेज को प्राथमिकता दी जाये.
इस अध्यन में पाया गया है कि लगभग 84 प्रतिशत ग्रजुएट्स में संज्ञानात्मक योग्यता का अभाव है जबकि 90 प्रतिशत छात्रों में आवश्यक स्तर की अंग्रेजी बोलने की दक्षता नहीं है.