मध्यप्रदेश में 500 करोड़ के हवाला रैकेट की जांच करने वाले आईपीएस अफसर का अचानक ट्रंस्फर कर दिये जाने के बाद राजनीतिक उबाल आ गया है. गौरव तिवारी को राज्य के कांटी के एसपी के पद से महज छह महीने में हटा दिया गया है.
गौरव तिवारी के ट्रांस्फर के बाद कांटी, जो उद्योगिक शहर है पूरी तरह बंद रहा. इसबीच इस मामले में भाजपा सरकार के एक मंत्री पर विपक्ष ने आरोप लगाया है कि हवाला कांड में उनके फंसने के चलते एसपी गौरव तिवारी का तबादला किया गया है.
स्क्राल डॉट इन के अनुसार आम लोग सड़क पर उतर आये जिनका आरोप है कि लघु उद्योग मंत्री संजय पाठक के खिलाफ लोगों का गुस्सा उतर आया है जिनका मानना है कि पाठक के कहने पर ही राज्य सरकार ने एसपी गौरव तिवारी का तबादला किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसरा कांटी में बोग्स फर्म के नाम पर सैंकरड़ों अकाउंट खोले गये. और इन अकाउंट के माध्यम से रैकेट शुरु हुआ. यह हवाला रैकेट 2009 से शुरू हुआ. इस मामले में एसपी गौरव तिवारी ने जांच शुरू की और इसी क्रम में उन्होंने 32 बोगस अकाउंट का पता लगाया और इन सबके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये गये.
इस मामले में पुलिस ने संदीप बर्मन नाम के एक व्यवसायी को गिफ्तार किया है. स्काल डॉट इन के अनुसार बर्मन ने पुलिस को बताया है कि बोगस अकाउंट खोलवाने में मंत्री संजय तिवारी का हाथ है जिन्होंने अपने इम्पलाइज से ऐसे बोगस अकाउंट खोलवाये.