राज्य में फसल कटनी, आर्थिक गणना, विभिन्न प्रकार के आंकड़ों के संगहण करने वाले 72890 सांख्यिकी स्वयंसेवकों की पैनल को रद्द कर दिया गया है। ये स्वयंसेवक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंचल निरीक्षक, कृषि विभाग के प्रखंड कृषि पदाधिकारी और योजना एवं विकास विभाग द्वारा आवश्यकता के अनुसार विभिन्न प्रकार के आंकड़ों के संग्रहण और प्रयोगों के लिए उपयोग किये जाते थे। इन्हें राज्य सरकार दैनिक कार्य या सरकार द्वारा तय मानदेय का भुगतान किया जाता था। फसल कटनी और योजना एवं विकास विभाग के तहत अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय को भी विभिन्न प्रकार की गणना के लिए कर्मियों की आवश्यकता बढ़ गयी थी। इसके लिए 2012-13 में 11384 और 2013-14 में 61506 स्वयंसेवकों का पैनल बनाया गया था।
कैबिनेट का फैसला
यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया। कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि राज्य में फसल कटनी प्रयोग और आर्थिक गणना के पूरा होने के बाद निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा फसल बीमा योजना के लिए पंचायत स्तर पर फसल कटनी प्रयोग कराने के निर्देश के बाद लिया गया है। भरत सरकार के इस निर्णय के बाद राज्य में फसल कटनी प्रयोग पंचायत से प्रखंड स्तर तक निदेशालय के नियमित कर्मियों द्वारा कराया जायेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे में मान्यता प्राप्त सांख्यिकी कर्मियों की सेवा का औचित्य नहीं रह गया है। उन्हेांने बताया कि सांख्यिकी स्वयंसेवकों की सेवा न ही संविदा के आधार पर था और न ही उनकी सेवा नियमित थी। इसलिए इनके सेवा नियमित करने की दावा मान्य नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सांख्यिकी स्वयंसेवकों से पैनल में नाम शामिल करने के लिए कोई शुल्क भी नहीं लिया गया था।