हरियाणा विधानसभा चुनाव ने दुनिया की सबसे बड़ी तथा सबसे अनुशासित पार्टी भाजपा को बेनकाब कर दिया है। टिकट बंटवारे की लिस्ट आने के बाद अब तक 72 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हरियाणा चुनाव का रिजल्ट तो बाद में आएगा, चुनाव से पहले ही इस्तीफों के कारण पार्टी की फजीहत हो रही है।
हरियाणा में भाजपा के जितने नेताओं ने इस्तीफा दिया है, उससे कहीं ज्यादा नेता खुल कर पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं। इनमें अनेक ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है। पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज को नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया है। सावित्री जिंदल भी दिल्ली पहुंच गई हैं। वह भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगी। सावित्री जिंदल के समर्थक खुल कर कह रहे हैं कि पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो जिंदल बागी प्रत्याशी बनेंगी। पार्टी नेतृत्व बिल्कुल दिशाहीन लग रहा है। उसे समझ में ही नहीं आ रहा है कि विद्रोह को किस प्रकार रोका जाए।
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उधर कांग्रेस की भी पहली सूची आ गई। वह इस तरह का दृश्य नहीं है। अब तक सिर्फ एक नेता ने प्रत्याशियों की सूची पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस जोश में है। मीडिया में भी अब लगातार खबरें आ रही हैं कि राज्य में कांग्रेस की वापसी हो रही है। कल ओलिंपिक खिलाड़ी बजरंग पूनिया तथा विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने के बाद जोश और भी बढ़ गया है। विनेश को पार्टी ने टिकट भी दे दिया है, जबकि पूनिया को कांग्रेस किसान विभाग का चेयरमैन बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वे किसानों के हित के लिए उसी तरह लड़ेंगे, जैसे कुश्ती के मैदान में लड़ते हैं। हारेंगे नहीं, जीतेंगे।
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